-आंवला में किशोरी की सुसाइड-हत्या की गुत्थी सुलझी

-बहन-भाई ने फंसाने के लिए बुआ के घर टांग दिया था शव

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BAREILLY: आंवला थाना के कनगांव में 15 वर्षीय किशोरी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। किशोरी ने प्यार में डांट पड़ने पर फंदे से लटककर जान देने की कोशिश की थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। घरवालों ने उसे देख लिया और फंदे से नीचे उतार लिया, लेकिन अंत में उसे जान ही गंवानी पड़ी। बड़ी बहन, छोटे भाई समेत 4 लोगों ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और फिर फंसाने के लिए उसके शव को पड़ोस में बुआ के घर में टांग दिया और उनके खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस ने हत्या के आरोप में बहन व भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया मर्डर

एसपी रुरल डा। सतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 21 जुलाई को कनगांव निवासी सवेंद्र पुत्र अजयपाल सिंह ने थाने पर सूचना दी थी कि उसकी छोटी बहन 15 वर्षीय पूनम का शव उसके पड़ोस में रहने वाली बुआ ज्ञानवती पत्‌नी रामपाल सिंह के घर में फंदे पर लटका हुआ है। पूनम की बुआ ज्ञानवती और उसके बेटे कल्लू और बेटी पूजा ने हत्या कर शव फंदे पर लटकाया है। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो मामला सुसाइड का लगा, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या आने से पुलिस का माथा ठनक गया। पुलिस ने ज्ञानवती और उसके परिजनों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली।

फुफेरे भाई से था प्रेम प्रसंग

जब एसएचओ पंकज वर्मा ने मामले की जांच शुरू की तो सामने आया कि पूनम की बड़ी बहन शिखा ने 4 वर्ष पहले पड़ोस में रहने वाली बुआ ज्ञानवती के बड़े बेटे अंकुल से भागकर शादी कर ली थी। अब पूनम भी बड़ी बहन के देवर यानि बुआ के छोटे बेटे कल्लू से प्रेम करने लगी। यह बात बहन शिखा और भाई सर्वेंद्र को पसंद नहीं आयी। उन्होंने पूनम और कल्लू दोनों को समझाया, लेकिन वह नहीं मानें। 21 जुलाई को भाई सर्वेंद्र ने पूनम को फोन पर कल्लू से बात करते पकड़ लिया। गुस्से में आकर उसने पूनम की पिटाई शुरू कर दी तो पड़ोस में रहने वाली बुआ ज्ञानवती अपनी बेटी पूजा के साथ उसे बचाने पहुंच गई। इस पर सर्वेंद्र ने पूजा की भी पिटाई कर दी।

आहत होकर फंदे पर लटकी

पूनम के घर मारपीट की सूचना किसी ने यूपी 100 को दे दी। इधर यूपी 100 की पीआरवी मौके पर पहुंची, लेकिन वहां पर सिर्फ सर्वेंद्र का परिवार ही मिला, क्योंकि ज्ञानवती बेटी पूजा के साथ थाने में रिपोर्ट लिखाने चली गई थीं, जिससे यूपी 100 सर्वेद्र का पक्ष सुनकर वापस लौट गई। मारपीट की इस घटना से पूनम आहत हो गई और उसने खुद को कमर में बंद कर लिया और फंदे पर लटक गई। शिखा ने दरवाजा बंद देखकर शोर मचाया तो मौके पर सर्वेद्र, पूनम का चचेरा भाई कल्लू, चचेरी बहन मोनी व गांव का एक शख्स वीरेश पहुंच गया और पूनम के गले में पड़ी रस्सी काटकर उसे नीचे उतार लिया।

सास करती थी परेशान

जिस वक्त पूनम को नीचे उतारा गया था, उस वक्त वह जिंदा थी। उसके बाद सर्वेंद्र, कल्लू, मोनी और शिखा ने मिलकर प्लान के तहत पूनम का गला दबा दिया। उसके बाद उसके शव ज्ञानवती के घर पर जाकर लटका दिया, ताकि ज्ञानवती और उसके बच्चों को फंसाया जा सके। शिखा का कहना है कि उसकी सास उसे परेशान करती थी। वह पुलिस अधिकारियों के यहां पेश होकर बुआ और उनके बच्चों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

गांव के शख्स से खुला राज

पुलिस ने जब ज्ञानवती और उसकी बेटी से पूछताछ की तो उन्होंने हत्या की बात से इनकार किया। पुलिस को सर्विलांस के मदद से भी उनकी लोकेशन आंवला थाने की ही मिली। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि गांव का वीरेश भी पूनम को फंदे से उतारने गया था। उस वक्त पूनम वह जिंदा थी, लेकिन शव ज्ञानवती के घर मिला था। जब पुलिस ने शिखा और सर्वेंद्र से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने पूनम के अपने घर पर लटकने, जिंदा होने और फिर शव को ज्ञानवती के घर लटकाने की बात कबूल ली, लेकिन गला दबाने को लेकर बयान बदलते रहे।

मां के साथ डेढ़ माह का बच्चा गया जेल

जिस वक्त पूनम का मर्डर हुआ, उस वक्त उसकी बड़ी बहन शिखा गर्भवती थी और उसका पति तीन वर्ष पहले गांव के एक शख्स की हत्या में जेल में बंद था। जब उसका पति जेल से अपील पर बाहर आ गया तो अब उसे अपने डेढ़ महीने के बच्चे के साथ जेल जाना पड़ा। शिखा ने 1 सितंबर को बेटे को जन्म दिया था। शिखा ने कहा कि उसका देवर अंकुर पूनम को प्यार में फंसाकर जबरदस्ती शादी करना चाहता था, क्योंकि उसके नाम 2 लाख रुपए थे। यह रुपए उसके पिता अजयपाल सिंह की हत्या के केस में समझौते में मिले थे। उसके पिता की वर्ष 2012 में हत्या कर दी गई थी।