फ्यूल के खर्च में कमी के लिए अब गुणा-गणित से चला रहे हैं कार-बाइक

VARANASI : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी ही नहीं बल्कि अब रईसों के जेब पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। ईधन की बढ़ती दरों ने इस कदर चिंतित कर दिया है कि घर का बजट गड़बड़ा जा रहा है। परिवार में गाडि़यों की संख्या मेंबर्स के बराबर तो है लेकिन उन्हें चलाने वाले अब गुणा-गणित की राह पर निकल पड़े हैं। यदि कोई किसी कार्यवश बाजार निकल रहा है तो वह एक काम के बजाय तीन-चार काम करने की चाहत रख रहा है, ताकि ईधन की खपत कम हो और जेब भी गर्म रहे। इलीट क्लास से लेकर मीडिल क्लास फैमिली तक में ऐसा देखने को मिल रहा है। किसी समय अलग-अलग कार, बाइक से चलने वाले अब एक साथ पहुंच रहे हैं। बहुत इमरजेंसी में ही कार निकाली जा रही है।

 

छोड़ो कार, चलाओ बाइक

पांडेयपुर निवासी और इलेक्ट्रानिक्स कारोबारी अभिषेक उपाध्याय इलीट क्लास फैमिली से आते हैं। सात मेंबर्स की फैमिली में दो कारें और तीन बाइक्स हैं। मगर, इधर कुछ दिनों से कार से कम चलना हो रहा है और बाइक का यूज ज्यादा हो गया है। इसके पीछे की वजह पेट्रोल-डीजल का कीमतों का बढ़ना अभिषेक मानते हैं। दो कारों के ईधन का खर्चा कम से कम दस हजार रुपये प्रतिमाह है, जबकि तीन बाइक का खर्च सात से आठ हजार रुपये है। खर्चा कम करने की कोशिश में लगे अभिषेक अपने घर वालों को बाइक यूज करने की सलाह अधिक दे रहे हैं। क्योंकि बीस हजार रुपये महीने सिर्फ पेट्रोल-डीजल में एक्स्ट्रा खपत हो जा रहा है। यही वजह है कि अभिषेक की श्रीमती किचन का बजट बैलेंस रखने की कोशिश में कार से घूमने की बजाय स्कूटी को अधिक तवज्जो दे रही हैं।

 

कार छोड़, बाइक को दे रहे तवज्जो

सिगरा स्थित एक अपार्टमेंट निवासी और रियल स्टेट बिजनेसमैन राजेंद्र दुबे के परिवार में कुल छह मेंबर्स हैं। राजेंद्र के परिवार में एक फोर व्हीलर, एक स्कूटी व दो बाइक है। पहले फैमिली मेंबर्स जहां फोर व्हीलर से चलने पर जोर देते थे अब वहीं फोर व्हीलर के बजाय स्कूटी व बाइक पर डिपेंड हो गए हैं। वाइफ अंजना दुबे बताती हैं कि जब कहीं शहर से बाहर जाना होता है तभी फोर व्हीलर का यूज किया जाता है। जाहिर सी बात है कि पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। अलग-अलग कोचिंग जाने वाले दोनों बच्चे भी अब एक ही बाइक से कोचिंग-स्कूल पढ़ने जाते हैं। घर का बजट संभालने वाली अंजना बताती हैं कि पहले दस हजार से अधिक खर्च सिर्फ ईधन में खर्च होता था, इधर कुछ राहत हो गई है।

 

कार खड़ी, स्कूटी से घुमाई

लंका, साकेतनगर निवासी पियूष मिश्रा का प्लाईवुड का बड़ा बिजनेस है। देश भर में फैलाए बिजनेस को संभाल रहे पियूष की फैमिली भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती दर से चिंतित है। परिवार में पेशे से प्रोफेसर, सीए और बिजनेसमैन हैं लेकिन इधर बीच सभी के लाइफ स्टाइल में चेजिंग आई है। सिर्फ और सिर्फ ईधन की बढ़ती दर से चिंतित पियूष ने ई-स्कूटी खरीदा है। अन्य मेंबर्स भी कार-बाइक खड़ी कर ई-स्कूटी से घुमाई कर रहे हैं। बता रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल में हर माह दस से बारह हजार रुपये एक्स्ट्रा खर्च हो जा रहा है। जिससे घर का बजट भी कहीं न कहीं गड़बड़ा जा रहा है।

 

खर्चे पर कुछ यूं कर रहे कंट्रोल

-पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने को लगा रहे गुणा-गणित

-स्कूटी, बाइक के बजाय ई-स्कूटी को दे रहे अधिक तवज्जो

-सिटी से बाहर जाने पर ही कर रहे फोर व्हीलर का यूज

-बेटे, पापा साथ-साथ जा रहे शोरूम

-कार-बाइक छोड़कर ऑटो से सफर को भी दे रहे प्राथमिकता