डीजल की सबसे बड़ी मार

हर मंथ डीजल का दाम बढऩे की वजह से ट्रांसपोर्ट का किराया कई परसेंट बढ़ गया है। इस फील्ड से जुड़े लोगों का कहना है कि ट्रांसपोर्टेशन की कॉस्ट 10-12 परसेंट बढ़ गई है। पहले जिस काम के लिए ट्रांसपोर्ट पर 10,000 रुपए खर्च करने पड़ते थे, अब 12 से 13 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। ट्रांसपोर्ट किराए में इस वृद्धि की वजह से हल्द्वानी, अहमदाबाद, राजस्थान जैसे जगहों से सिटी में इंपोर्ट किए जा रहे बालू, सीमेंट, सरिया, गिट्टी के दाम पर भी असर पड़ा है।

Supply बंद और दाम बढ़े

बिल्डिंग मैटीरियल के दाम में 20 से 30 परसेंट का इजाफा हुआ है। बिल्डिंग मैटीरियल सप्लायर सलमान ने बताया कि लास्ट मंथ तक बालू का रेट 50-60 रुपए प्रति क्विंटल था। अब इसका रेट बढ़कर 115 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। वहीं सीमेंट का दाम 250 से बढ़कर 285 रुपए प्रति बोरी हो गया है। इतना ही नहीं सरिया व ईंट के दाम में भी अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। सलमान की मानें तो गोला नदी से बालू की सप्लाई बंद हो गई है। इसकी वजह से इसके रेट में लगातार इजाफा हो रहा है। आने वाले दिनों में बिल्डिंग मैटीरियल के दाम और बढऩे की उम्मीद ही जा रही है।

ओवरलोडिंग रोकी तो बढ़ाए दाम

बिल्डिंग मैटीरियल के दाम बढऩे की वजह अंडरलोडिंग भी मानी जा रही है। परिवहन आयुक्त के निर्देश के बाद आरटीओ की ओर से ओवरलोडिंग वाहनों की डेली चेकिंग हो रही है। ट्रांसर्पोटर्स की मानें तो, ओवरलोडिंग से बचने के लिए एक ट्रक में 15 से 20 टन तक ही इंपोर्ट और एक्सपोर्ट किया जा रहा है। जबकि पहले ओवरलोडिंग की स्थिति में एक ट्रक में 40 टन तक मैटीरियल आ जाता था। ऐसे में इस डिफरेंस को ये लोग अधिक कीमत से बैलेंस कर रहे हैं।

एक लाख बढ़ी cost

जुलाई में 1200 स्क्वॉयर फीट के घर (दो बेड रूम, डाइनिंग हाल, दो बाथरूम, एक किचन व लॉन) बनवाने में मैटीरियल कॉस्ट करीब सात लाख रुपए की आती थी, लेकिन अगस्त में ये लागत आठ लाख तक आ पहुंची। ठेकेदार हनीफ ने बताया कि पिलर देकर 1200 स्क्वॉयर फीट का घर बनाने में बालू, गिट्टी, ईंट, सरिया और लेबर चार्ज लेकर 8 लाख रुपये तक खर्च आएगा। लेबर चार्ज भी अच्छा-खासा बढ़ा है। लेबर चार्ज 150 से बढ़कर 250 और मिस्त्री चार्ज 300 से बढ़कर 400 रुपए हो गया है।

Circle rate की भी छौंक

पिछले साल के मुकाबले इस साल सर्किल रेट में 10-15 परसेंट की वृद्धि हुई है। हालांकि, कुछ प्लेसेज पर सर्किल रेट में 100 परसेंट तक वृद्धि हुई है। पिछले साल सिविल लाइंस में जिस प्रॉपर्टी की कीमत 18 हजार स्क्वॉयर मीटर थी, अब उसी प्रॉपर्टी की कीमत 20 हजार स्क्वॉयर मीटर तक हो गई है। वहीं रामपुर गार्डन में नया सर्किल रेट 19 हजार से बढ़कर 25 हजार प्रति स्क्वॉयर मीटर हो गया है।

खनन पर रोक भी वजह

अवैध बालू खनन को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 5 अगस्त से पूरी कंट्री में नदियों से बालू खनन पर रोक लगा दी है। बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए एनजीटी ने यह बात साफ कही है कि बालू का खनन कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। बालू खनन के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी लेनी जरूरी है। बालू खनन पर लगी रोक की वजह से ठेकेदार बालू की सप्लाई मार्केट में नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह से स्टॉक में रखे बालू के दाम अचानक बढ़ गए हैं।

ईंट का प्रोडक्शन कम

बारिश के चलते नए ईंट तैयार नहीं हो पा रहे हैं। इसका असर ईंट के उत्पादन पर भी पड़ा है। बारिश के पहले ईंट का दाम प्रति एक हजार जहां 3000 से 3500 रुपए था। वहीं अब ईंट का दाम बढ़कर 4500 से 5000 रुपए प्रति एक हजार ईंट हो गया है। नंबर एक ईंट के अलावा पीला, तरछा, चटका सभी तरह की ईंटों के दाम में बढ़ोतरी हुई है।

Circle rate

बरेली जंक्शन से जेल रोड चौराहा      36,000

चौकी चौराहा से अयूब खान चौराहा     50,000

श्यामगंज चौराहे से जाट रेजिमेंट        31,000

गांधी उद्यान से श्यामगंज                          36,000

सर्किट हाउस से आवास विकास कालोनी     31,000

नोट - सभी रेट प्रति स्क्वॉयर मीटर है।

'कुछ दिनों पहले ट्रांसपोर्ट के किराए में इजाफा किया गया है। डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जिसकी वजह से ट्रांसपोर्ट का किराया बढ़ाना पड़ा। अगर गवर्नमेंट टैक्स कम दे तो बहुत हद तक बढ़ती हुई महंगाई का कंट्रोल किया जा सकता है.'

हरीश विग, ट्रांसपोर्टर

'बिल्डिंग मैटीरियल के दाम में बेहताशा वृद्धि हुई है। आने वाले दिनों में बिल्डिंग मैटीरियल के दाम और बढ़ सकते हैं। '

सलमान हसन खान, सप्लायर बिल्डिंग मैटीरियल

'सबसे अधिक असर बालू और ईंट पर पड़ा है। बिल्डिंग मैटीरियल के दाम 14 से 30 परसेंट तक बढ़े हैं.'

निशीथ अग्रवाल, सप्लायर बिल्डिंग मैटीरियल

'ज्यादातर बारिश के दिनों में बिल्डिंग मैटीरियल के दाम कम होते हैं मगर   इस बार सभी चीजों के दाम बढ़े हैं। यही नहीं हाल फिलहाल में बिल्डिंग मैटीरियल के दाम कम होने की कोई उम्मीद भी नहीं है।

रामचंद्र शाह, सप्लायर बिल्डिंग मैटीरियल

Report By- Prashant Singh