26 मार्च को लखनऊ में तलब किए गए आरएम

2012 में संविदा परिचालकों के रूप में हुई थी पीआरडी जवानों की भर्तियां

270 शिकायतें इस संबंध में पहुंच चुकी हैं मुख्यमंत्री के पास

सीएमडी लेबर बोर्ड से जारी हुई मामले की चार्जशीट

बयान के लिए लखनऊ तलब, हो सकती है कार्रवाई

Meerut. परिवहन निगम में संविदा कर्मचारियों के रूप में पीआरडी जवानों की फर्जी भर्ती के मामले में एक बार फिर रोडवेज आरएम नीरज सक्सेना पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है. करीब छह साल पुराने इस मामले में लेबर बोर्ड के सीएमडी ने आरएम नीरज सक्सेना समेत आगरा के तत्कालीन एआरएम वित्त प्रवीण कुमार को लखनऊ मुख्यालय में तलब किया है.

लखनऊ में तलब

फर्जी भर्ती के मामले में श्रम कल्याण के प्रधान प्रबंधक जेएन सिन्हा ने आरएम रोडवेज नीरज सक्सेना को आरोप पत्र संख्या 228 रोडी /आर/ 2019 डिस्प /जी/ की जांच के संबंध में 26 मार्च को लखनऊ में तलब किया है. 26 मार्च को आरएम को अपने बचाव के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने हैं. यदि सही साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए तो संभवत: आरएम पर निलंबन की गाज भी गिर सकती है.

अफसरों पर तलवार

वर्ष 2012 में प्रदेशभर में परिवहन निगम में संविदा परिचालकों के रूप में पीआरडी जवानों की भर्तियां हुई थीं. इसमें आगरा परिक्षेत्र में भी पीआरडी जवान नियुक्त किए गए थे. इन भर्तियों में फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर भर्ती किए जाने की जानकारी मिलने पर तत्कालीन एआरएम प्रवीन कुमार ने जांच कर मामले को खोला था. जांच में आरोप साबित होने के बाद पीआरडी के अधिकारियों के विरुद्ध कई अन्य जिलों में निलंबन की कार्रवाई हुई थी. साथ ही रोडवेज से जुड़े हुए अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गए थे.

आरएम पर आरोप

आगरा में आरएम नीरज सक्सेना की तैनाती के दौरान हुई इस फर्जी भर्ती का आरटीआइ के माध्यम से पर्दाफाश हुआ था. इस मामले में आगरा के आरएम पार्थ सारथी मिश्रा ने आरटीआई का जवाब दिया था कि तत्कालीन आरएम ने पुन: सत्यापन तक पीआरडी जवानों को कार्य से नहीं रोका, जबकि जांच के दौरान पीआरडी जवानों को कार्य से रोका जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. तत्कालीन आरएम नीरज सक्सेना ने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया.

270 शिकायतें

इस मामले की गंभीरता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि फर्जी भर्ती के मामले की मुख्यमंत्री के इंटीग्रेटिड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम आइजीआरएस पोर्टल पर 270 शिकायतें हो चुकी हैं. इसके बाद भी मामले में कोई एक्शन नही लिया गया था. सूत्रों की मानें तो तत्कालीन एआरएम ने आरोप भी लगाया था कि मामले में दोषी आरएम पर कार्रवाई नहीं हो रही है.

इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है. कुछ तथ्य बाकी हैं. उनकी जानकारी भी दी जाएगी.

नीरज सक्सेना, आरएम