कानपुर। त्योहारों का मौसम चल रहा है। ऐसे में मोहल्ले की दुकान से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर तक हर कोई एक से बढ़कर एक डिस्काउंट ऑफर के नाम पर आपको सामान बेचने में जुटे हैं। ऐसे में कई बार ज्यादा डिस्काउंट का लाजच देकर कुछ फर्जी ऑनलाइन शापिंग साइट्स भी इंटरनेट पर उतर आई हैं। ऐेसी साइट्स के चक्कर में तमाम लोगों के पैसे या तो डूब जाते हैं या फिर उन्हें फर्जी अथवा खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट पकड़ा दिए जाते हैं। आप इन फर्जी तरीकों से कैसे बचेंगे, जानिए एक्सपर्ट्स की राय...

इस तरीके से ऑनलाइन शॉपिंग में होता है धोखा :
फर्जी वेबसाइटें : टेक्नोलॉजी की अच्छी समझ रखने वाले फ्रॉड लोग कई बार बिल्कुल एक जैसे दिखने वाले लोगो और डोमेन ऐड्रेस के साथ नकली शॉपिंग वेब साइट बना लेते हैं, जोकि बिल्कुल असली जैसी दिखती है. इन्हें कोई पेमेंट करने से आपका पैसा डूब सकता है।

साइट सही लेकिन सेलर गलत: अगर आपको प्रोडक्ट नहीं मिला या टूटा-फूटा मिला तो इसमें वेबसाइट नहीं बल्कि सेलर या कुरियर कंपनी की धोखेबाजी हो सकती है. हालांकि, ये साइट्स खरीददारों की रेटिंग और सेलर्स की मॉनिटरिंग भी करती हैं।

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क्या करें और क्या नहीं?
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फेमस रिटेलर या शॉपिंग साइट से ही शॉपिंग करें, जिसकी एक्सचेंज और रिटर्न पॉलिसी बिल्कुल साफ हों. पॉलिसी को अच्छी तरह से पढ़ लें.

- सिर्फ कम कीमत देखकर शॉपिंग न करें. सेलर की रेटिंग और खरीदारों के रिव्यू जरूर पढ़ें.

- अगर जरा भी शक हो तो बैंक पेमेंट के जरिए खरीददारी करने से बचें. कैश ऑन डिलिवरी के जरिए खरीदें.

- अगर फायरवॉल्स या एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर नहीं है, तो कंप्यूटर से शॉपिंग करने से बचें।

- डिलिवरी और पैकेट को खोलने के दौरान बिना रुके वीडियो बनाएं ताकि पैकेट में क्या निकलता है, यह रिकॉर्ड हो सके. जिससे बाद में कंपनी से हर्जाना वसूला जा सके।

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इस तरह करें अपना बचाव

- शॉपिंग साइट को हमेशा चेक करें: अगर आप कोई नई साइट पर शॉपिंग करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उसका डोमेन नेम जरूर चेक करें. देखें कि यूआरएल में https:// हो न कि खाली http://। फिर साइट की स्पेलिंग भी देखें. यह जानने के लिए यह डोमेन किसके नाम पर है, आप https://registry.in/WHOIS पर जाकर चेक कर सकते हैं. अगर साइट पर कोई कॉन्टेक्ट डिटेल्स नजर नहीं आ रही है या रिटर्न पॉलिसी सही नजर नहीं आए, तो ऐसी साइट को बंद कर देना ही बेहतर है. इसके अलावा आप https://www.scamadviser.com/ पर जाकर कंपनी की ट्रस्ट रेटिंग भी जान सकते हैं. यहां आपको कंपनी की सारी डिटेल्स के अलावा यह जानकारी भी मिल जाएगी कि कंपनी से खरीदारी कितनी सेफ है.

- सेलर की रेटिंग देखें: अगर आपने एक नामी साइट को चुना है तो बेहतर है कि प्रोडक्ट एश्योरेंस सर्विस चुनें. अगर आप एक्स्ट्रा पेमेंट नहीं करना चाहते तो खरीददारों के रिव्यू और सेलर की रेटिंग पर गौर जरूर करें.

- सिक्योर पेमेंट का रखें ध्यान: अगर आप कैश ऑन डिलीवरी की बजाए ऑनलाइन पेमेंट करके प्रोडक्ट खरीद रहे हैं। तो सिक्योर पेमेंट गेटवे का पूरा ख्याल रखें। PC पर ब्राउजर से तब ही ऑनलाइन पेमेंट करें, जबकि सिस्टम पर एंटीवायरस प्रोग्राम पूरी तरह काम कर रहा हो। मोबाइल पर पर्चेसिंग करने के लिए शॉपिंग साइट पर जाने की बजाय उसकी ऐप द्वारा ही खरीदारी करें, क्योंकि वो ज्यादा सुरक्षित रहती है। यही नहीं शॉपिंग ऐप फर्जी तो नहीं है, इसका भी ध्यान रखें। इसके लिए उसकी मेन साइट पर दिए लिंक या मिस्ड काल सर्विस द्वारा ही सही ऐप फोन में इंस्टॉल करें।

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