गलत काम करने वाला व्यक्ति यह तर्क देता है कि वो ऐसा अपने कर्म के कारण कर रहा है; और वह उसे न करने की कोशिश भी नहीं करता क्योंकि इससे उसे तत्काल खुशी मिलती है। उसे रोकने के लिए क्या कर सकते हैं? आशिम कुजुर

यह तर्क उचित नहीं है। हम जिन परिस्थितियों और हालातों का सामना करते हैं, वो हमारे ही कर्मों का फल हैं। हालांकि हम अपने विवेक और विचारों के अनुसार कार्य करते हैं, पर इन्हें हमेशा सुधारने की कोशिश करते रहना चाहिए क्योंकि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे या इससे बचेंगे, तो हम गलत काम करते रहेंगे। इस तरह हमें अपने बुरे कर्मों का फल मिलता रहेगा, जो कि अंतत: हमारी ही पीड़ा का कारण बनेगा।

प्रत्येक पल की परिस्थिति हमारे पिछले कर्मों द्वारा ही निर्धारित होती है, लेकिन प्रत्येक पल में हमारे पास नए तरीके से कार्य करने की स्वतंत्रता होती है, जो ज्यादा बेहतर और उत्कृष्ट हो। इससे आने वाली परिस्थितियां पीड़ा से मुक्त हो जाती हैं। हम दूसरों को सही चुनाव करने पर मजबूर तो नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें समझा सकते हैं, उन्हें अच्छी संगति दे सकते हैं, उनकी मदद कर सकते हैं या उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं।

साध्वी भगवती सरस्वती

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