- वेव सिनेमा में दूसरे दिन आधा दर्जन फिल्मों का प्रदर्शन

- यथार्थ और व्यावसायिक सिनेमा की बही संयुक्त धारा

- बंद रास्तों के बावजूद बड़ी संख्या में पहुंचे सिनेप्रेमी

Meerut : कांवड़ के रंग में डूबे शहर में जागरण फिल्म फेस्टिवल का रंग भी समानांतर छलका। दूसरे दिन पर्दे पर उतरी फिल्मों ने खूब समां बांधा। कांवड़ मेले से बंद पड़े यातायात के बावजूद कलाप्रेमियों ने थिएटर की डगर नाप ली। शनिवार को वेव सिनेमा के ऑडी नंबर। 2 में प्रदर्शित सभी फिल्मों के लिए रिकार्डतोड़ दर्शक मिले। सुबह 11 बजे से शुरू फिल्मों का दौर रात दस बजे तक नए कलेवर में उतरता रहा। सुरमयी संगीत से पिरोई फिल्म 'गीत गाता चल' ने दर्शकों को यादगार धुनों का दौर याद दिला दिया।

आधा दर्जन फिल्में

दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल की खुशबू मेरठ ने लगातार छठवें वर्ष महसूस की। सावन की रिमझिम के बीच मनोरंजन की फुहारों ने इंतजार को और शोख बना दिया। शुक्रवार को हंटर मूवी के प्रदर्शन के साथ सिनेप्रेमियों की प्रतीक्षा खत्म हुई, और बड़ी संख्या में दर्शकों ने वेव में पहुंचकर इस मूवी को तह तक खंगाला। दूसरे दिन करीब आधा दर्जन फिल्मों को पर्दे पर उतारा गया, जिसमें लघु एवं टेलीफिल्म से लेकर सदाबहार फिल्म 'गीत गाता चल' भी शरीक हुई।

खूब मिली सराहना

जागरण फिल्म फेस्टिवल का सफर दूसरे दिन सुबह 11 बजे फिल्म 600 डालर्स से शुरू हुआ, और रात दस बजे फिल्म 'एनएच-10' के साथ खत्म हुआ। दूसरी फिल्म अ¨हसा दिखाई गई। इसके बाद इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष से उपजी कड़वाहट को संदेश में पिरोकर श्रोताओं के बीच पेश किया गया। फिल्म भले ही छोटी थी, किंतु दर्शकों की जोरदार तालियों ने मूवी के महत्व को स्थापित किया।

सम्मोहित हुए दर्शन

इसके बाद फेस्टिवल ने एक बांग्ला फिल्म के जरिए दर्शकों को वेस्ट बंगाल के सुंदरबन के डेल्टा और भारत-बांग्ला बार्डर की दुश्वारियों को रेखांकित किया। दोपहर डेढ़ बजे से शुरू होने वाली संगीत प्रधान फिल्म गीत गाता चल को लेकर उनमें भारी उत्सुकता रही। फिल्म से 10 मिनट पहले ही हाल तकरीबन भर गया। हीरेन नाग की हिट फिल्म की ग्राम्य जीवन की खुशबू में डूबी पटकथा, एवं रवीन्द्र जैन के मधुर संगीत ने दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। तीन घंटे की इस फिल्म के पहले सीन पर ही दर्शकों की तालियों ने उनकी फिल्म के प्रति उत्सुकता को बयां कर दिया। लोक संगीत के रंग में डूबा गीत 'मोहे छोटा मिला रे भतार' ने गांवों में गाए जाने वाले वैवाहिक गीतों की याद ताजा कर दी।

याद आया 70 का दशक

सचिन एवं सारिका के निर्दोष अभिनय के साथ 'गीत गाता चल', 'श्याम तेरी बंसी', चौपाइयां और 'सब कुछ लागे नया नया' की लडि़यों ने फेस्टिवल के माधुर्य को नई ऊंचाई दे दी। इस मूवी को देखने के लिए हाल में तकरीबन सभी उम्र के दर्शक एवं महिलाएं नजर आई। भागमभाग एवं ताबड़तोड़ जीवनशैली से कोसों दूर इस मूवी ने सत्तर के दशक की याद ताजा कर दी। फिल्म के खुमार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मूवी खत्म होने के बाद दर्शक गुनगुनाते हुए बाहर निकले। शाम पांच बजे शुरू हुई 'बदलापुर' को देखने के लिए युवाओं की बड़ी तादात हाल में पहुंची। वरुण धवन की लंबी एवं क्रेजी भूमिका का दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। इसके बाद एनएच-10 प्रदर्शित की गई, जिसमें दर्शकों की भारी भीड़ ने सारा रिकार्ड तोड़ दिया।