RANCHI : ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन मंगलवार को राजधानी रांची से मुक्ति कारवां शुरू करने जा रहा है। इसके तहत 20 दिनों में यह कारवां प्रदेश के 14 जिलों में जाएगा और आम लोगों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्रति जागरूक करेगा।

हजारों बच्चों की ट्रैफिकिंग

सोमवार को फाउंडेशन के कैंपेन निदेशक ओमप्रकाश पाल ने बताया कि झारखंड से हर साल अलग-अलग रूप में हजारों बच्चों की ट्रैफिकिंग होती है। अक्सर प्लेसमेंट एजेंसियां बच्चों को शिकार बनाती हैं। इन्हें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और कोलकाता लाया जाता है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को शुरू हो रहा मुक्ति कारवां एक सचल दस्ता है जो गांव-गांव घूमकर ट्रैफिकिंग और यौन शोषण जैसी बुराइयों के खिलाफ अवेयरनेस फैलाने का प्रयास करेगा।

30 तक राज्य में चलेगा कैंपेन

उन्होंने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के सोर्स और ट्रांजिट पॉइंट के रूप में झारखंड जाना जाता है। इस कारवां के तहत प्रदेश के 14 वैसे जिलों को कवर किया जाएगा जो ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में है। इनमें खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार समेत अन्य जिले चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड में यह कारवां 30 सितंबर को साहिबगंज में खत्म होगा।

20 राज्य व 300 जिले किए जाएंगे कवर

कैंपेन निदेशक ने बताया कि सरकारी आंकड़ों पर यकीन करें तो हर घंटे देश में एक बच्चा ट्रैफिकिंग का शिकार हो रहा है और हर आधे घंटे पर एक दुष्कर्म हो रहा है। उन्होंने बताया कि एशिया में ट्रैफिकिंग को लेकर भारत पहले स्थान पर है। इसी वजह से देशभर के 20 राज्यों को 5 अलग-अलग जोन में बांटकर इस तरह का कारवां निकाला जाएगा और 300 जिलों के 5000 गांवों को कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया की इस कारवां में वैसे बच्चों का एक दल भी होगा, जो कभी ट्रैफिकिंग के शिकार हुए हैं।