RANCHI : तीन साल से लापता किशोरी का शव जब आरोपी लेकर पहुंचा तो नायक मुहल्ला के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने शव लाने वाले मोहल्ले के राजकिशोर मिर्धा की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई की सूचना पाकर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा आरती कुजूर तत्काल वहां पहुंची और की जानकारी ली। लोगों ने बताया कि जिस लड़की का शव राजकिशोर मिर्धा लाया है। वह तीन साल पहले लापता हुई थी। पुलिस ने राजकिशोर मिर्धा को हिरासत में ले लिया है। घटना झारखंड प्रोजेक्ट बिल्डिंग से कुछ दूर हटिया नायक मोहल्ला की है। मृतका के ममेरे भाई के बयान पर राजकिशोर मिर्धा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे मानव तस्करी के आरोप में जेल भेजा गया।

दो लाख में मामला रफा-दफा करो

जब बस्ती वालों ने उससे पूछताछ की तो उसने कहा कि दो लाख रुपए लेकर मामले को रफा-दफा करें। बताया जाता है कि जब बच्ची लापता हुई थी तो लोगों को राजकिशोर मिर्धा पर ही शक हुआ था। उस समय पूछने पर उसने साफ इनकार कर दिया था। लेकिन, जब वह शव लेकर बस्ती आया तो पूरा मामला खुल गया।

5 हजार में दलालों को बेचा था

आरोपी ने बताया कि एक बच्ची को दलालों के पास बेचने पर उसे पांच हजार रुपए मिलते थे। पूछताछ में उसने बताया कि साल में उसे मानव तस्करों द्वारा पांच हजार रुपए अलग से भी दिए जाते थे। जबतक बच्ची किसी के घर में काम करती थी, तब तब मानव तस्करों द्वारा पैसे दिए जाते थे। उसने यह भी बताया कि वह बच्ची को लेकर आ रहा था, इसी बीच डालटनगंज में ट्रेन में ही उसकी मौत हो गई।

बच्ची के माता-पिता नहीं हैं जिंदा

जिस बच्ची की मौत हुई है, उनके माता-पिता भी इस दुनिया में नहीं हैं। बच्ची से बड़ी दो बहनें हैं, जो अबतक लापता हैं। एक छोटा भाई है, जो अपनी बुआ के यहां बचपन से रहता है। लोगों ने आशंका जताई है कि राजकिशोर मिर्धा ही उन बच्चों को भी ले गया और उन्हें मानव तस्करों के हाथों बेच दिया।

आरती कुजूर के आदेश पर दर्ज हुई प्राथमिकी, पोस्टमार्टम

लोगों के आक्रोश को देखते हुए वार्ड पार्षद निरंजन ने पुलिस व बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा आरती कुजूर को बुलाया था। आरती कुजूर ने मामले को शांत कराया और राजकिशोर मिर्धा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।