RANCHI : एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विभिन्न दलित व आदिवासी संगठनों द्वारा सोमवार को बुलाए गए भारत बंद के के दौरान सिटी में जमकर हिंसा हुई। लालपुर के आदिवासी हॉस्टल, वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक हॉस्टल, मोरहाबादी हॉस्टल में जमकर तांडव मचा। बंद समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। पुलिस पर पत्थर बरसाए, डंडे से हमला किया और टायर जलाकर आगजनी भी की गई। प्रदर्शनकारियों को बेकाबू देख पुलिस ने लाठियां बरसाई। आंसू गैस के गोले दागे। तीन राउंड हवाई फाय¨रग भी हुई। इस दौरान 777 बंद समर्थक गिरफ्तार किए गए, पर देर शाम कई को छोड़ दिया गया। इनमें तीन दर्जन से अधिक पुलिस हिरासत में हैं, जिन्हें जेल भेजा जाएगा।

वीमेंस कॉलेज से उत्पात की शुरुआत

सोमवार की सुबह 10 बजे रांची विमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक से बड़ी संख्या में छात्राएं शहर को बंद कराने मेन रोड निकल रहीं थी। उनके पीछे छात्र भी थे। उनके निकलने से पहले ही पुलिस ने घेर रखा था। पुलिस ने उन्हें घेर कर गिरफ्तारी देने के लिए कहा। इससे छात्र-छात्राओं ने इन्कार कर दिया। इसके बाद आगे बढ़ने की कोशिश की। इन्हें आगे बढ़ने से रोकते ही बवाल शुरू हो गया। पुलिसकर्मियों पर हमला शुरू कर दी। लगातार पत्थर फेंके जाने लगे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वहां भीड़ को किसी तरह नियंत्रित किया।

आदिवासी हॉस्टल बना सेंटर

हंगामे का आगाज तो वीमेंस कॉलेज से हुआ, लेकिन बवाल, नारेबाजी और पथराव के साथ लाठी चार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़ने का मुख्य सेंटर जेल मोड़ स्थित आदिवासी हॉस्टल रहा। हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने पुलिस द्वारा रोके जाने पर पुलिस पर हमला कर दिया। इसके बाद जमकर बवाल काटा। इस उपद्रव के दौरान कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह, सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता, इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

हॉस्टल खाली कराया, ली तलाशी

आदिवासी हॉस्टल में पुलिस अधिकारी पर हमला होते देख पुलिसकर्मियों ने सभी महिला पुलिसकर्मी व अन्य को एकत्रित हुए और लड़कियों को पीटना शुरू कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई। इसके बाद पुलिस की टीम ने हॉस्टल को खंगाला। हॉस्टल खंगालने के दौरान कई छात्र ने एग्जाम का बहाना बनाया तो कोई हॉस्टल के अलमीरा में छिप गया। कोई बाथरूम में छिप गया था। पुलिस ने उनलोगों को बाहर निकाला, फिर कैंप जेल भेज दिया।

मौके पर उपायुक्त राय महिमापत रे, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी अमन कुमार, एसडीओ अंजलि यादव, डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी पहुंचे थे। एसडीओ अंजलि यादव समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने भी उपद्रवियों पर लाठी भांजी।

सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल तो पुलिस बनी सिंघम

भारत बंद के दौैरान जब आदिवासी हॉस्टल में उप्रदवियों के बवाल काटे जाने से सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल हुआ तो पुलिस ने भी थोड़ा संयम के साथ सख्ती भी दिखाई। इस दौरान माहौल को शांत करने के लिए उप्रदवियों पर लाठी चार्ज किया। हॉस्टल खाली कराकर सर्च ऑपरेशन किया तो घायलों को इलाज के लिए रिम्स ले जे जाने में भी पीछे नहीं। बंद के दौरान पुलिस सिंघम के रोल में नजर आ रही थी। इस दौरान लोगों को परेशानी नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा था।

क्या है मामला, क्यों बुलाया था भारत बंद

अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एसएसी-एसटी एक्ट) को लेकर कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इसमें कहा गया है कि एसटी-एससी एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों में तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। पूरे मामले की जांच के बाद अगर आरोप सही पाए जाएंगे तभी आरोपी को हिरासत में लिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ही विभिन्न दलित व आदिवासी संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था।

बंद लाइव

1-चार इलाकों में ज्यादा बवाल

लालपुर के आदिवासी हॉस्टल, वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक हॉस्टल, मोरहाबादी हॉस्टल में जमकर तांडव मचा। बंद समर्थकों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए, डंडे से हमला किया और टायर जलाकर आगजनी भी की गई। प्रदर्शनकारियों को बेकाबू देख पुलिस ने लाठियां बरसाई। आंसू गैस के गोले दागे।

2-हटिया इलाके में जलाया टायर

भारत बंद के दौरान हटिया इलाका भी हंगामा जोन बना रहा। इस इलाके में बंद समर्थकों ने टायर जलाकर जहां यातायात व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश की गई। यहां भी माहौल पर नजर रखने के लिए सैकड़ों जवानों को तैनात किया गया था।

3- 763 बंद समर्थक हिरासत में, देर शाम रिहा

भारत बंद के दौरान 763 उप्रदवियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिनमें ज्यादातर को को देर शाम रिहा कर दिया गया, जबकि तीन दर्जन बंद समर्थकों को जेल भेजा जाएगा।

4-500 से ज्यादा जवान थे तैनात, पेट्रोलिंग रही तेज

जिला प्रशासन ने भारत बंद के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया था। पांच सौ से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे, वहीं पेट्रोलिंग टीम लगातार गश्त कर रही थी

5- कोतवाली डीएसपी को जड़ा थप्पड़

आदिवासी हॉस्टल में लड़कियों को रोकने के लिए आगे गए कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह को एक थप्पड़ रसीद कर दिया। उन पर डंडा से भी हमला किया गया।

6- डीएसपी समेत कई जवान घायल

बंद समर्थकों द्वारा किए गए पथराव में सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता समेत कई घायल हो गए। इनमें तीन महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इसके अलावा कई स्टूडेंट्स व आम लोग भी पत्थरबाजी में जख्मी हुए। करीब एक दर्जन जख्मी को इलाज के लिए रिम्स लाया गया, जिनमें दस का इलाज आपातकालीन विभाग में हुआ।

7- एसडीओ ने भांजी लाठियां

सदर एसडीएम अंजली यादव ने भी आदिवासी हॉस्टल में उपद्रव कर रहे स्टूडेंट्स पर जमकर लाठियां भांजी। इस दौरान डीसी व एसएसपी समेत कई अफसर मौजूद थे।

8-आम लोगों को भी खूब धुना

बंद समर्थकों ने मोरहाबादी टैगोर हिल रोड में भी दुकानों को बंद करवाया और कई लोगों के साथ मारपीट भी की। टायर जलाकर प्रदर्शन भी किया। हालांकि, मौके पर पुलिस पहुंच गई और खदेड़-खदेड़ कर पकड़ा।

9-कई राजनीतिक दलों का था समर्थन

झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने भारत बंद को नैतिक समर्थन देने की घोषणा कर रखी थी। ऐसे में इन राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस-प्रशासन की पूरी नजर थी।

10- मेन रोड में आंशिक असकर

मेन रोड में बंद का आंशिक असर देखा गया। हालांकि, दोपहर के बाद शहर की स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई। वाहनों का आवागमन शुरू हो गई थी और लोग सड़कों पर निकल रहे थे।

11- बंद रहे कई स्कूल

जिला प्रशासन ने भारत बंद के एक दिन पहले ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की घोषणा कर रखी थी। प्रशासन ने सभी स्कूलों को खोले रखने का आग्रह किया था, पर बंद समर्थकों के भय से ज्यादातर स्कूलों ने पहले ही बंद रखने की घोषणा कर रखी थी।