RANCHI : स्वाइन फ्लू देश के कई राज्यों में कहर बरपाता रहा और झारखंड का हेल्थ डिपार्टमेंट इसकी चिंता से बेखबर बीमारी के पहुंचने की बाट जोहता रहा। ट्यूज्डे को रांची और जमशेदपुर में जब तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया तो सरकार ने स्वाइन की जांच के लिए रांची के टेस्ट लैब स्थापित करने का आग्रह करते हुए केंद्र को लेटर लिखा है। जाहिर है, सरकारी लापरवाही का फ्लू मरीजों की जान पर काफी भारी पड़नेवाला है।

रिम्स पहुंचा एक और सस्पेक्टेड मरीज

बुधवार को रिम्स में स्वाइन फ्लू का एक और सस्पेक्टेड मरीज दाखिल कराया गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, अब तक राज्य के 11 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। जमशेदपुर में मंगलवार को जिन दो मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हुई, उनकी जांच रिपोर्ट मौत के बाद आई। पूरे राज्य में स्वाइन फ्लू की जांच का कोई इंतजाम नहीं है और हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अफसर इससे बेखबर रहे। सस्पेक्टेड मरीजों के सैंपल यहां से जांच के लिए कोलकाता, दिल्ली और दूसरे महानगरों में भेजे जा रहे हैं और तब तक मरीज का इलाज महज अंदाज के आधार पर हो रहा है।

लूट रहे प्राइवेट हॉस्पिटल

राज्य में स्वाइन फ्लू को लेकर आम आम आदमी दहशत में है लेकिन सरकार की आंख के नीचे से प्राइवेट अस्पताल इस बीमारी के नाम से पैसा बनाने में जुटे हैं। रांची में जिस शिल्पी अखौरी की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है वो एचबी रोड स्थित आर्किड अस्पताल में एडमिट थी। ग्यारह दिनों के इलाज के एवज में हॉस्पिटल को लाखों में बिल चुकाया गया है। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में स्वाइन फ्लू को लेकर आइसोलेशन वार्ड तक नहीं बनाया गया है।

विस गरमाई, एमएलए मास्क लगाकर आए

स्वाइन फ्लू से एक दिन में तीन मौतों को लेकर झारखंड विधानसभा में भी जबर्दस्त हंगामा हुआ। विपक्ष के सभी विधायक सदन में मास्क लगाकर पहुंचे और सरकार पर बीमारी से लड़ने में लापरवाही का आरोप जड़ते हुए इसकी तैयारी के बारे में जवाब मांगा। सदन में स्वास्थ्य मंत्री ने यह कह दिया कि सरकार ने हर चौक चौराहे पर स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए डॉक्टर की तैनाती कर दी है। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बाद में सीएम रघुवर दास ने खुद इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया और सदन को आश्वस्त किया कि स्वाइन फ्लू से लड़ने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।

हेल्थ मिनिस्टर कहीन

राज्य में लैब की व्यवस्था होगी।

हर दिन स्वाइन फ्लू की मॉनिटरिंग हो रही है। जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है, सैंपल को जांच के लिए अभी रिपोर्ट कोलकाता और मुम्बई भेजा जा रहा है। लेकिन राज्य में जांच के लिए लैब की व्यवस्था करने का आग्रह केंद्र से किया गया है। यदि केंद्र सरकार सहायता नहीं देती है तो राज्य सरकार अपने स्तर से इसकी जांच के लिए लैब की स्थापना करेगी।