सानिया इस सीजन में चार डब्ल्यूटीए फाइनल में पहुंची और दो में टाइटिल जीता। वह रूस की एलेना वेसनीना के साथ 2011 में सबसे सक्सेजफुल डबल्स में से थीं.  फ्रेंच ओपन में फर्स्ट राउंड से ही बाहर होने के कारण वह 11 जून की कट आफ तारीख तक डब्ल्यूटीए रैंकिंग में टॉप 10 में नहीं रह पाएंगी।

वीमेन डबल्स में टॉप  10 प्लेयर्स को डायरेक्ट एंट्री मिलती है और उसे अपना पार्टनर सलेक्ट करने का हक रहता है। सानिया फिलहाल 10वीं रैंकिंग पर है और मिक्स डबल में मैडल डिजर्व करती हैं। मिक्स डबल में खेलने के लिए सिंगल या डबल के मेन ड्रा में खेलना होगा। सानिया ने कहा ,‘‘ मैं ऑप्टिमिस्टिक हूं और मुझे लगता है कि मैने इतना तो किया है कि मुझे वाइल्ड कार्ड मिले। वाइल्ड कार्ड देश के बेस्ट प्लेयर्स को दिए जाते हैं जो कंपटीशन  में पार्ट नहीं ले पा रहे हों.’’आईटीएफ ओलंपिक क्वालीफिकेशन सूची 28 जून को जारी करेगा। सानिया के लिए ओलंपिक मैडेल जीतने का यह लास्ट चांस होगा.सानिया यह नहीं मानती हैं कि आईटीएफ उनको रिजेक्ट कर देगा।

बीजिंग ओलंपिक 2008 में सानिया सिंगल्स  के फर्स्ट राउंड में बाहर हो गई थी और डबल्स के सेकेंड राउंड में सुनीता राव के साथ हार गई थी। सानिया ने कहा कि फ्रेंच ओपन में हार से उसकी दुनिया खत्म नहीं हो गई हालांकि इससे ओलंपिक खेलने की उसकी उम्मीदों को झटका लगा है।

उन्होंने कहा ,‘‘ तीसरे आपरेशन के बाद पिछले पांच महीने अच्छे रहे। मैं अभी भी दुनिया के टॉप 10 प्लेयर्स में से हूं.’’ फ्रेंच ओपन से ठीक पहले सानिया और बेथानी माटेक सैंड्स ने ब्रसेल्स ओपन जीता था। फ्रेंच ओपन में की हार के बारे में सानिया ने कहा कि बेथानी को लगी चोट का असर भी खेल पर पड़ा। उन्हों ने कहा  टेनिस में यह होता रहता है। जीत हार के लिए तैयार रहना पड़ता है। किसने सोचा था कि सेरेना विलियम्स फर्स्ट राउंड  में हार जाएगी.’’

inextlive from News Desk