- मिलाया जा रहा पोस्टर कलर

- जमकर की जा रही है मिलावट

LUCKNOW: इन राजधानी की फैक्ट्रियों से निकल रही यमी आइसक्रीम से बीमारियां फैल रही हैं। इसका सबसे ज्यादा शिकार मासूम बच्चे होते हैं। हैरत की बात यह है कि आईसक्रीम में पोस्टर कलर मिलाया जा रहा है। नगर निगम से लिए गए नमूनों के आधार पर ठंडे का यह फंडा सामने आया है। फैट और प्रोटीन के नाम पर भी खेल चल रहा है।

फ्0 प्रतिशत कम निकला प्रोटीन

स्कूल से निकलते ही गर्मी से परेशान बच्चे मम्मी-पापा से आईसक्रीम खिलाने की जिद करते हैं। उनकी जिद के सामने वह मजबूर हो जाते हैं और यह मीठा जहर बच्चे बड़े चाव से चखने लगते हैं, लेकिन आपको यह शायद यह जानकर हैरानी हो कि बच्चे जो आईसक्रीम खा रहे हैं, उनमें ना तो प्रॉपर प्रोटीन होती है और ना ही मानकों के मुताबिक फैट। कई कपंनियां तो ऐसी हैं कि उन्हें खाकर आप बीमारियों को दावत दे रहे हैं। पिछले साल गर्मियों के दौरान कई आईसक्रीम कंपनियों पर छापे मारे गए और उनके सैम्पल लिए गए। एक फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि एक ब्रांडेड आईसक्रीम की फैक्ट्री में प्रोटीन की मात्रा फ्0 प्रतिशत कम मिली।

केवल ख्भ् लाइसेंस जारी

आईसक्रीम फैक्ट्री के लिए नगर निगम की ओर से रजिस्ट्रेशन कराया जाना जरूरी है। तीन साल पहले तक करीब 70 फैक्ट्रियों के पास लाइसेंस था लेकिन इस साल केवल ख्भ् फैक्ट्रियों ने ही लाइसेंस लिए हैं। जबकि सच्चाई यह है कि पुराने लखनऊ की तंग गलियों में ही कई आइसक्रीम फैक्ट्रियां चल रही हैं।

अमोनिया रिसाव का खतरा

दो साल पहले सरोजनीनगर में एक फैक्ट्री से अमोनिया का रिसाव हुआ था। इसके अलावा अलीगंज में सेक्टर जी स्थित राजकीय कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस के रिसाव से हड़कंप मच गया था। पिछले साल कैम्पवेल रोड स्थित एक कोल्ड स्टोरेज में भी अमोनिया का रिसाव हुआ था। तत्कालीन डीएम ने इसके लिए जरूरी निर्देश भी दिए थे लेकिन आज तक कोई एक्शन नहीं लिया गया।

रिसाव के कारण

अमोनिया गैस के रिसाव का तापमान नियत मात्रा में बढ़ने की वजह से होता है.वॉल्व के स्वाभाविक रूप से काम करने के कारण गैस रिसाव होता है। कूलिंग टॉवर की वाटर पम्प बंद हो जाने की वजह से गैस कूलिंग प्रक्रिया बंद हो जाती है।