- खेल मंत्री बोले, आईस रिंक में लगा पैसा हुआ बेकार

- आइस रिंक के इलेक्टॉनिक फ्यूज तक खत्म हो गए

>DEHRADUN: राजधानी के महाराणा स्पो‌र्ट्स कॉलेज में सफेद हाथी साबित हो रहे आइस रिंक को खेल मंत्री ने 'मकबरा' करार दिया है। उनका कहना है कि इतना पैसा खर्च कर भी आइस रिंक बेकार हो गया है। उन्होंने कहा कि रिंक बनाने में पैसे का दुरुपयोग हुआ है। आइस रिंक के इलेक्टॉनिक फ्यूज तक खत्म हो गए हैं।

रिंक पर खर्च हुए थे 65 करोड़ रुपए

शिक्षा, खेल एवं पंचायती राज मंत्री ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आइस रिंक के लिए 10 महीने में तीन टेंडर भी खोल दिए गए हैं, लेकिन कोई आने को तैयार नहीं है। दरअसल, आइस रिंक का निर्माण तत्कालीन भाजपा सरकार के शासनकाल में हुआ था। अब जब भाजपा की सरकार है और खेल मंत्री ने सालों से बंद पड़े आइस रिंक को मकबरा करार दिया है तो कई सवाल उठने लगे हैं। आइस रिंक निर्माण में किसने करोड़ों की धनराशि का दुरुपयोग किया है और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, के सवाल पर खेल मंत्री कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हुए। स्पो‌र्ट्स कॉलेज में बने आइस रिंक पर करीब 65 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया। जहां सैफ विंटर गेम्स भी हो चुके हैं। सैफ विंटर गेम्स के बाद विधिवत तरीके से तत्कालीन सीएम व वर्तमान में हरिद्वार सांसद डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने आइस रिंक का उद्घाटन किया था।

बीसीसीआई से जल्द मिलेगी मान्यता

उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता दिए जाने के सवाल पर खेल मंत्री ने कहा कि मामला आखिरी चरणों में है। कुछ क्रिकेट एसोसिएशन सहमत हैं और कुछ नहीं। सहमत न होने वाले पहले से कलंकित हैं। हमें ऐसे को जोड़ने की जरूरत भी नहीं है। बीसीसीआई को राज्य सरकार की तरफ से रिपोर्ट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी कोई रिपोर्ट नहीं गइर्1 है।

स्टेडियम को अफगानिस्तान बनाएगी अपना होम ग्राउंड

रायपुर स्थित स्टेडियम के बारे में खेल मंत्री ने कहा कि अभी तक स्टेडियम विभाग के हैंडओवर नहीं है। पिछले दिनों अफगानिस्तान की टीम के अधिकारियों ने स्टेडियम का दौरा किया था, अब अफगानिस्तान की टीम अपना होम ग्राउंड बनाना चाह रही है और वह राजी भी हो गई है। स्टेडियम के निर्माण के बारे में खेल मंत्री ने कहा कि ऐसे स्टेडियम पीपीपी मोड से तैयार होते हैं, लेकिन राज्य में यह गलत हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

- यूसीए ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

- अब अगली सुनवाई की तारीख 23 फरवरी हुई तय

DEHRADUN: उत्तराखंड क्रिकेट की मान्यता के मामले में बीसीसीआई की प्रशासक कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। मामले में अब अगली सुनवाई 23 फरवरी को प्रस्तावित है। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशनन(यूसीएए) ने पिछले साल उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने 12 जनवरी को मामले की सुनवाई की तारीख तय की थी। इस दौरान प्रशासक समिति ने सभी एसोसिएशन को रिपोर्ट भेजकर आपत्तियां मांगी थी। उसके बाद अगली तारीख 29 जनवरी को निर्धारित हुई। यूसीए के सचिव दिव्य नौटियाल ने बताया कि मंडे को हुई सुनवाई में प्रशासक कमेटी ने 143 पन्नों की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। रिपोर्ट में समिति की ओर से सुझाव भी दिए गए हैं। दिव्या नौटियाल के अनुसार 23 फरवरी को होने वाली सुनवाई से पहले सभी एसोसिएशन एकजुट हो जाती हैं तो संयुक्तरूप से हस्ताक्षर करके एक पत्र प्रशासक समिति को सौंप दिया जाएगा। इससे मान्यता मिलने की राह आसान हो जाएगी।