-आईसीआईसीआई की सिविल लाइंस ब्रांच में दिनदहाड़े चोरी की बड़ी वारदात

-4 बदमाशों ने सीएमएस कंपनी के कस्टोडियन की लापरवाही का उठाया फायदा

BAREILLY : सर्किट हाउस चौराहा स्थित आईसीआईसीआई बैंक की सिविल लाइंस मेन ब्रांच में दोपहर का वक्त था। बैंक के बाहर सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे और अंदर कर्मचारी और कस्टमर अपने काम में व्यस्त थे। इसी दौरान 4 बदमाश आते हैं, जिनमें तीन बैंक के अंदर घुसते हैं और 14 मिनट में 4 बदमाशों ने 20 लाख रुपए पार कर आसानी से फरार हो जाते हैं। बैंक में रकम सीएमएस कंपनी के कस्टोडियन की देखरेख में थी, जो लापरवाह होकर कैश काउंटर की लाइन में खड़ा था। उसे होश तब आया जब चारों बदमाश बैग लेकर फरार हो चुके थे। वारदात के बाद भी तुरंत पुलिस को सूचना नहीं दी गई और कंपनी के कर्मचारियों को बुलाकर सीसीटीवी फुटेज देखने में टाइम बेकार किया गया। करीब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बैंक से 20 लाख रुपए गायब होने की सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया। एसएसपी, एसपी सिटी मय फोर्स के साथ पहुंचे और जांच पड़ताल की। पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई है।

 

कस्टोडियन की देखरेख में कैश

सीएमएस इन्फो सिस्टम कंपनी के कस्टोडियन राजीव कुमार निवासी बसंत विहार और विशाल कुमार निवासी पीपलसाना चौधरी इज्जतनगर ने रोडवेज से 38,65,000 रुपए कैश कलेक्ट किया था। इसमें से 18,65,000 रुपए बॉक्स में रखे थे और बाकी 20 लाख रुपए कैश बैग में सील करके रखा गया था। कैश दो अन्य जगहों से भी कलेक्ट किया गया था। दोनों कस्टोडियन ने अपराह्न कैश आईसीआईसीआई सिविल लाइंस ब्रांच में कैश काउंटर के पास रखा। उन्होंने वहां पहले से मौजूद कस्टोडियन अजीत सिंह निवासी सिंघा भमोरा के सुपुर्द कर दिया। दोनों वहां से एक बैंक का कैश लेकर चले गए। यहां पर अजीत कैश बैंक में जमा करने के लिए कैश काउंटर की लाइन में लग गया। उसने बैग को लावारिस हालत में छोड़ दिया। वह काउंटर की लाइन में लगकर ही बैग पर नजर रख रहा था।

 

सीसीटीवी फुटेज देखने में दिखाई तेजी

कस्टोडियन अजीत सिंह ने बताया उसने तीन-चार बार बैग पर नजर रखी, तब बैग था। उसके बाद उसने करीब 5 मिनट बाद जब बैग देखा तो गायब था। उसके तुरंत होश उड़ गए। उसने आसपास देखा तो बैग कहीं नजर नहीं आया। उसने तुरंत कस्टोडियन विशाल को सूचना दी। जिसके बाद अन्य कस्टोडियन पहुंच गए। सभी कस्टोडियन ने पहले पुलिस को सूचना देना बेहतर नहीं समझा। सभी बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने में लग गए। जब फुटेज में दिख गया कि एक शख्स बैग लेकर जा रहा है और वह उसे नहीं जानते हैं तो फिर यूपी 100 को सूचना देने के लिए कॉल की गई। नेटवर्क की वजह से जब कॉल नहीं लगी तो फिर गूगल की मदद से कोतवाली एसएचओ का नंबर निकालकर सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

 

बैंक के अंदर अजीबो-गरीब हरकतें

बैंक की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीन शख्स बैंक के अंदर 12 बजकर 25 मिनट से एंट्री करना शुरू करते हैं और 9 मिनट में सभी अंदर पहुंच जाते हैं। तीनों इधर-उधर टहलते हैं। एक दूसरे से बात और इशारे करते हैं। कभी कैश काउंटर की लाइन में लग जाते हैं जिसमे एक शख्स काउंटर से थोड़ी दूर खड़ा होकर बैग पर नजर रखता है। एक शख्स एसी में अंदर होने के बावजूद गर्मी लगने का नाटक करता है और रुमाल से हवा करता है। वह कभी मुंह के अंदर भी अंगुली डालता है। दूसरा शख्स चश्मा उतारकर पोंछता है और तीसरा शख्स पॉकेट में हाथ डाले रहता है। वह कुछ देर बाद काउंटर की लाइन में जाता है और फिर 12 बजकर 39 मिनट पर बैग लेकर बाहर निकल जाता है। उसके पीछे से दोनों शख्स भी बाहर निकल जाते हैं। बैग लेकर जाने वाला शख्स एक बाइक पर बैठकर जाता नजर आता है। बाहर एक शख्स उसका पहले ही इंतजार कर रहा होता है।

 

टाइम लाइन- टाइमिंग बैंक की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर

11:00 पीएम-कस्टोडियंस ने बैंक के अंदर कैश पहुंचाया

12:25 पीएम-पहला बदमाश बैंक के अंदर एंटर हुआ

12:32 पीएम-दूसरे बदमाश की बैंक के अंदर एंट्री

12:34 पीएम-तीसरे बदमाश की बैंक में एंट्री

12:39 पीएम-बैग लेकर तीनों बदमाश फरार

 

बैंक के अंदर भी अब सेफ नहीं कैश

बैंक के बाहर कैश निकालकर लूट की वारदातें तो कई हो चुकी हैं, लेकिन अब बैंक के अंदर से ही रुपए गायब करने के मामले सामने आ रहे हैं। जुलाई में 17 दिन में बैंक के अंदर से लाखों रुपए ले जाने की दूसरी वारदात से सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक से 20 लाख रुपए की चोरी की वारदात से पहले 2 जुलाई को एसबीआई की मेन ब्रांच में भी 4 लाख 10 हजार रुपए की ठगी की वारदात हुई थी। यहां भी एक शख्स बैंक के अंदर कर्मचारी बनकर घूम रहा था। उसने 85 वर्ष के बुजुर्ग रफीकुर्रहमान को मदद के बहाने बैंक से रुपए निकलवा लिए थे और छोटे नोटों को बड़ा करने के बहाने गायब हो गया था। पुलिस को बैंक से सीसीटीवी फुटेज भी मिली थी लेकिन पुलिस ठग का पता नहीं लगा सकी है।

 

अधेड़ दे रहे वारदातों को अंजाम

आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई बैंक के अंदर हुई दोनों वारदातों में एक चीज कॉमन है। दोनों वारदातों में बदमाश अधेड़ हैं। वह बैंक के अंदर कर्मचारी या कस्टमर बनकर घूमते हैं। अधेड़ उम्र का होने के चलते किसी को उन पर शक नहीं होता है। वह बैंक के अंदर आराम से घूमते हैं और फिर अपने काम को अंजाम देकर चले जाते हैं। अब पुलिस दोनों बैंकों की सीसीटीवी फुटेज का भी मिलान कर रही है।

 

लगातार हो रही हैं बड़ी वारदातें

-22 मई 2018 को ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स से रुपए निकालकर जा रही मुन्नी गंगवार से मिनी बाईपास पर बाइक सवार बदमाशों ने साढ़े 4 लाख रुपए लूट लिए थे। इसमें एक ही बदमाश पकड़ा गया था।

-गंगापुर में व्यापारी के कर्मचारी से सीबीआई अफसर बनकर बदमाशों ने ढाई लाख रुपए लूट लिए थे, लेकिन पुलिस सुराग नहीं लगा सकी।

-9 मार्च 2018 को सिविल लाइंस चौकी से कुछ दूर बाइक से लौटते वक्त ज्वैलर मनोज रस्तोगी से कार सवार बदमाशों ने अपहरण कर 4 लाख रुपए लूट लिए थे

-वर्ष 2017 में डीएम आवास के पास भी ऑटो से जा रहे पंजाब के ज्वैलर से कार सवार बदमाशों ने 16 लाख रुपए की ज्वैलरी लूट ली थी जिसका अभी तक खुलासा नहीं

-वर्ष 2016 में आईसीआईसीआई की सिविल लाइंस ब्रांच के सामने 4 लाख रुपए की लूट की वारदात हुई थी। जिसमें बाइक सवार दो बदमाश रकम लूटकर फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस वारदात का खुलासा नहीं कर सकी।

-वर्ष 2016 में एसएसपी ऑफिस के बाहर से भी ढाई लाख रुपए की लूट की वारदात हुई थी। रुपए एसबीआई की मेन ब्रांच से निकाले गए थे।