- खिलाडि़यों को नेशनल गेम्स और नेशनल चैम्पियनशिप में विभाग से नहीं प्रदेश से खेलना होगा अनिवार्य

- किसी अन्य स्टेट से प्राइजमनी लेने वाले खिलाडि़यों को भी किया जाएगा बाहर

LUCKNOW: ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में पदक विजेताओं को दी जाने वाली नौकरी के नियमों में बड़े फेर बदल की तैयारी है। नए नियमों के तहत ऐसे खिलाड़ी ही नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे जिनका सिर्फ जन्म ही यूपी में ना हुआ हो बल्कि वह बड़ी से बड़ी प्रतियोगिताओं में यूपी का नाम रोशन कर रहे हों। साथ ही इन खिलाडि़यों ने किसी अन्य स्टेट से धनलाभ ना लिया हो। वे पूरी तरह से अपने प्रदेश के लिए ही खेल रहे हों।

चाहते हैं घर वापसी

इस साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में प्रदेश के 18 खिलाडि़यों ने मेडल जीते। इनमें आधा दर्जन से अधिक खिलाड़ी प्रदेश में नौकरी करना चाहते हैं। ये सभी खिलाड़ी राजपत्रित नौकरी के हकदार हैं। इनमें से कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो अन्य प्रदेशों में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन वे इस बार पदक के दम पर घर वापसी का सपना संजोए हुए हैं। वे किसी अन्य स्टेट में नहीं जाना चाहते, भले ही वहां पर सुविधाएं और पैसा यहां से अधिक क्यों ना हो।

विभाग के खाते में जुड़ रहे मेडल

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मेडल जीतने वाले जो अन्य जगहों पर जॉब कर रहे हैं, वे अधिकांश जगहों पर अपने विभागों से ही खेल रहे हैं। नेशनल गेम्स और नेशनल चैम्पियनशिप में भी वह अपने विभाग से खेल रहे हैं। ऐसे में इन स्टार खिलाडि़यों द्वारा जीते जाने वाले मेडल विभागों के खाते में पहुंच रहे हैं ना कि उत्तर प्रदेश के। मामला सिर्फ यही तक सीमित नहीं है यह दिग्गज खिलाड़ी केंद्र सरकार से ईनामी धनराशि लेने के बाद अपने विभाग और उस स्टेट से भी प्राइजमनी लेते हैं जहां पर वह नौकरी कर रहे हैं। बाद में यूपी में जन्म होने के कारण वह यहां से भी प्राइजमनी की डिमांड करते हैं।

यह होंगे नये नियम

इन सब को ध्यान में रखते हुए खेल विभाग अब प्रदेश में राजपत्रित नौकरी के लिए बने नियमों में बदलाव की तैयारी में है। राजपत्रित नौकरी के लिए आवेदन करने वाले खिलाडि़यों को अपने गेम्स की सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप और नेशनल गेम्स में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करना होगा। इसके साथ ही ये खिलाड़ी खुद को किसी अन्य स्टेट का बता कर वहां की प्राइजमनी की दावेदारी करते हैं तो ऐसे लोग भी राजत्रित नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। जो खिलाडि़यों का खेल पूरी तरह से प्रदेश के लिए समर्पित होगा, सिर्फ वे ही इसके लिए आवेदन कर सकेंगे।

कोट

नियमों में बदलाव की प्रक्रिया काफी पहले से चल रही है। अगले फाइनेंसियल ईयर तक नए नियम लागू किए जाएंगे। इनमें खिलाडि़यों को नेशनल चैम्पियशिप में यूपी का प्रतिनिधित्व का नियम होगा। साथ ही खिलाड़ी सिर्फ एक ही स्टेट से प्राइजमनी लेने के हकदार होंगे।

चेतन चौहान

खेल मंत्री