परिवहन विभाग ने लागू किया वाहन चलाने का ड्रेस कोड

चप्पल या सैंडिल पहनकर बाइक चलाई तो कटेगा चालान

Meerut। अगर आप अपना वाहन चला रहे हैं खासतौर पर दोपहिया वाहन तो इस खबर को जरा ध्यान से पढ़ लें, कहीं ऐसा ना हो कि वाहन के कागजात, बीमा, हेल्मेट आदि के बाद भी चालान कट जाए। दरअसल, नियमों के मुताबिक चप्पल या सैंडिल पहनकर बाइक चलाने पर भी अब चालान किया जाएगा। जी हां, परिवहन विभाग ने चप्पल या सैंडिल को टै्रफिक रूल के विपरीत मानते हुए उसे नियमों के उल्लंघन में शामिल कर लिया है। ऐसे में चप्पल पहनकर बाइक चलाने पर आपको जुर्माना या जेल तक जाना पड़ सकता है।

एक अप्रैल से लागू होगी व्यवस्था

परिवहन विभाग द्वारा सड़क हादसों पर लगाम के लिए एक अप्रैल से दोपहिया वाहन चालकों के लिए कुछ खास और पुराने नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके तहत चप्पल या सैंडिल पहनकर दोपहिया वाहन चलाने वालों पर नजर रहेगी।

ये नियमों पर नजर

ईयर फोन और हेल्मेट ना लगाकर दोपहिया वाहन चलाना

दोपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठकर यात्रा करना

बच्चों को टंकी पर बैठाकर वाहन चलाना

दोपहिया वाहन पर ओवरलोड सामान आगे या पीछे लादकर चलाना

15 दिन जेल की हवा खिला सकती है आपकी लापरवाही

जा सकते हैं जेल

नियमों के मुताबिक हवाई चप्पल पहन कर गियर वाला दोपहिया वाहन चलाना ट्रैफिक रूल के खिलाफ है। विभाग के अनुसार इससे भी हादसा हो सकता है। ऐसे में चप्पल पहन कर बाइक चलाते हुए पकड़े गए तो आपको 500 रुपए जुर्माना देना होगा। लेकिन यदि आप दोबारा चप्पल पहनकर बाइक चलाते हुए पकड़े गए तो कम से कम 15 दिन जेल के लिए भी जाना पड़ सकता है।

बिना वर्दी नही वाहन चलाएंगे निजी वाहन चालक

इस व्यवस्था के साथ ऑटो, बस, टैक्सी, स्कूल बस व ट्रक चालकों के लिए निर्धारित ड्रेस पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार मोटर वाहन अधिनियम में 177 को संशोधित करते हुए निजी चालकों का भी ड्रेस कोड लागू कर रही है।

गंदगी पर भी कटेगा जुर्माना

इससे अलग यदि आप सरकारी बस बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा आदि में गंदगी करते हैं तो भी आपको जुर्माना देना पड़ सकता है, लेकिन इसमें पहले गंदगी होने पर ड्राइवर से 500 रुपए जुर्माना वसूलेगा जाएगा यदि सवारी मौके पर गंदगी फैलाते ही मिली तो सवारी को जुर्माना देना होगा।

यातयात के नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है ताकि लोगों का सफर सुरक्षित हो। कई बदलाव हैं और कई पुराने नियम दोबारा सख्ती से लागू किए जा रहे हैं।

ओपी सिंह, आरटीओ प्रवर्तन