- बशारतपुर में आवासीय में रजिस्टर्ड जमीन पर खड़ी कर दी गई करोड़ों की कॉमर्शियल बिल्डिंग

- 32 लाख में फ्लैट खरीदने वाले 10 लोगों को जीडीए ने थमाया बिल्डिंग खाली करने का नोटिस

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anurag.pandey@inext.co.in

GORAKHPUR: हर इंसान का सपना होता है कि एक दिन अपने पैसे से अपना घर खरीदे। अगर आप भी ऐसी ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश में हैं तो जरा संभल जाएं। इन दिनों सिटी में तेजी से अवैध बिल्डिंग्स का धंधा पनप रहा है। जो भी इन अवैध कारोबारियों के चक्कर में फंस रहा, उसके सपने तो टूट ही रहे हैं, लाखों की चपत भी लग जा रही है। ऐसा ही एक मामला बशारतपुर में सामने आया है। जहां पर जीडीए से आवासीय में पास जमीन पर अवैध तरीके से ग्रुप हाउसिंग फ्लैट तैयार कर दिए गए। जिनको अलग- अलग लोगों को लगभग 32-32 लाख रुपए में बेच भी दिया गया। बिल्डिंग के दस फ्लैट्स में रहने वालों को पता चला कि वे जिस फ्लैट में रह रहे हैं वह अवैध है तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। एक शिकायतकर्ता की कंप्लेन पर जीडीए ने भी फ्लैट धारकों को नोटिस देकर बिल्डिंग को सील करने का आदेश दे दिया है। अब इन फ्लैट्स में रहने वाले लोग अपना पैसा वापस लेने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं।

बैंक में खुली पोल

बशारतपुर के प्रिंस एनक्लेव में फ्लैट खरीदने वाले जितेन्द्र मौर्य ने बिल्डर की शिकायत जीडीए, डीएम, एसएसपी, आईजी, सीएम, पीएम, विजलेंस और सीबीआई से पत्र के जरिए की है। जितेन्द्र का आरोप है कि गोरखपुर के मृदुल पाठक की जमीन पर अवैध तरीके से 10 फ्लैट तैयार किए गए। जिसे मृदुल पाठक के बेटे ने उन्हें बेचा था। मृदुल पाठक के बेटे ने ही दसों फ्लैट धारकों का लोन भी देवरिया के बैंक से कराया था। जितेन्द्र ने बताया है कि उन्होंने कुछ जरूरत के कारण दूसरे ग्राहक से अपना फ्लैट बेचने की बात की थी। उस ग्राहक ने एक बैंक में जाकर लोन के लिए बात की तो बिल्डिंग के कागजात की पड़ताल में पता चला कि ये बिल्डिंग ही अवैध है। इस पर गोरखपुर का कोई बैंक लोन नहीं पास करेगा।

जीडीए में हुआ सच्चाई का खुलासा

जितेन्द्र ने बताया कि इस बात की पुष्टी करने जब वे जीडीए गए तो वहां सच्चाई जानकर उनके होश उड़ गए। जीडीए में उक्त जमीन आवासीय भवन बनवाने के लिए पास है। जितेन्द्र का आरोप है कि सब कुछ जानते हुए भी बिल्डर ने सबको धोखा देकर फ्लैट बेचा है। इसके बाद से ही वे पुलिस से लगाए बड़े अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

बॉक्स

बैंक लोन में भी खेल

जितेन्द्र ने दस फ्लैट धारकों को लोन देने वाले देवरिया के बैंक मैनेजर पर भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब इस बिल्डिंग पर लोन नहीं हो सकता है तो देवरिया के बैंक से कैसे लोन हो गया। उन्होंने इसमें बैंक मैनेजर के भी मिले होने का आरोप लगाया है।

फ्लैट धारकों को जीडीए ने दिया नोटिस

जीडीए की तरफ से प्रिंस एनक्लेव में रहने वाले दसों फ्लैट धारकों को घर खाली करने का नोटिस दिया गया है। वहीं बिल्डर भी कोर्ट और अन्य जगहों पर कार्रवाई से बचने के लिए जुगाड़ लगा रहा है। लेकिन सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द जीडीए प्रशासन इस बिल्डिंग को सील कर देगा।

रेरा में भी नहीं कराया रजिस्ट्रेशन

कॉमर्शियल भवनों के निर्माण से पहले रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होता है। प्रिंस एनक्लेव में दस फ्लैट तो तैयार जरूर किए गए लेकिन इस बिल्डिंग को रेरा में भी रजिस्टर्ड नहीं कराया गया।

फैक्ट फिगर

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दिसंबर में आखिरी बार कार्रवाई- 5 अवैध निर्माण को किया गया सील

फोर्स की कमी से नहीं हो सकी सील की कार्रवाई - 15-20 मामले

गोरखपुर में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण

आवास एवं नियोजन विभाग द्वारा हाल ही में तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 32 विकास प्राधिकरणों में 29123 अवैध निर्माण के मामलों के साथ गोरखपुर पहले स्थान पर है।

प्रदेश में अवैध निर्माण्ा के मामले

शहर ----- अवैध निर्माण की संख्या

1- गोरखपुर- 29123

2- आगरा- 27134

3- प्रयागराज- 26275

4- वाराणसी- 19456

वर्जन-

इस मामले की फाइल मंगा कर चेक करता हूं। जिसकी भी गलती होगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।

अमित गुप्ता, कमिश्नर, गोरखपुर

अभी मैं बाहर हूं। गोरखपुर में आकर फाइल चेक कर बताउंगा कि इस मामले में क्या चल रहा है।

राम सिंह गौतम, सचिव, गोरखपुर विकास प्राधिकरण