-साल 2017-18 में फैक्ट्रियों में होता रहा उत्पादन

GORAKHPUR: मुख्यमंत्री की पहलकदमी के बाद एक बार फिर शहर में पॉलीथीन बैन करने को लेकर अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है। एक सप्ताह के अंदर छापेमारी करके नगर निगम ने 2.5 कुंतल पॉलीथीन सीज कर 56 हजार रुपए तक जुर्माना वसूल लिया है। ऐसा नहीं है कि यहां पर पॉलीथीन बैन पहली बार किया गया है। 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश यादव की सरकार में भी पॉलीथीन बैन का सिगूफा उछाला गया था। लेकिन सवाल उठता है कि नगर निगम ने मुख्यमंत्री की सक्रियता के बाद ही यह कार्यवाही क्यों की गई। जबकि 40 माइक्रॉन से कम की पॉलीथीन को पहले से ही प्रतिबंधित किया जा चुका है।

फैक्ट्रियों में भी होता रहा प्रोडक्शन

पॉलीथीन बैन होने की कवायद जब भी की जाती है तो नगर निगम की कार्यवाहियों के पहले शिकार थोक व्यापारी ही होते हैं। अधिकारी व्यापारियों के यहां छापे डालकर पॉलीथीन जब्त करते हैं उन पर जुर्माना लगाते हैं। सप्ताह से पंद्रह दिनों तक यह कार्यवाही चलती है और पॉलीथीन का व्यापार वापस उसी रास्ते पर आ जाता है। शहर के गीडा एरिया में पॉलीथीन की फैक्ट्रियां सालों से प्रोडक्शन कर रही हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण ऑफिस के क्षेत्राधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। गीडा की यह तीन फैक्ट्रियां प्रतिदिन 1 से 1.5 कुंतल का प्रोडक्शन करती हैं। हालांकि इसमें कैरीबैग की अपेक्षा पैकेजिंग पॉलीथीन की मात्रा अधिक होती है।

-गोरखपुर में पॉलीथीन प्रोडक्शन-1.5 टन प्रतिदिन।

-1 टन पैकेजिंग पॉलीथीन और .50 कैरीबैग।

-गोरखपुर में प्रतिदिन उपभोग 10 टन है।

- 6 टन पैकेजिंग और 4 टन कैरीबैग पॉलीथीन है।

-5 हजार लोगों को मिल रहा रोजगार

-शहर में 180 थोक विक्रेता

-450 फुटकर विक्रेता

-3000 हॉकर

सप्ताह पहले बंद हुई फैक्ट्रियां

गोरखपुर में खपत होने वाले पॉलीथीन की अपेक्षा यहां प्रोडक्शन होने वाली मात्रा करीब दस फीसदी ही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से शायद ही कभी इन पर किसी तरह का नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास किया गया। साल 2017-18 में गीडा एरिया के तीनों फैक्ट्रियों में उत्पादन होता रहा। 6 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब ट्वीट कर प्रदेश के लोगों से पॉलीथीन का उपयोग नहीं करने की अपील की तब जाकर अधिकारी एक्टिव हुए। पहले 2 फैक्ट्रियों को बिजली काटने की नोटिस दी गई, फिर शासनादेश जारी कर उन्हें बंद करने का आदेश दे दिया गया।

वर्जन-

शहर में किसी फैक्ट्री में पॉलीथीन का उत्पादन नहीं हो रहा है। जहां से भी सूचना मिली उन्हें बंद करवा दिया गया। अगर कहीं प्रोडक्शन हो रहा है तो वह अवैध है।

घनश्याम प्रसाद, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड