-मृतक आश्रित कोटे से सफाईकर्मी की पाया था नौकरी, जबकि मां पहले से है नौकरी में

-ऑडिट जांच में दो साल बाद पकड़ा गया मामला, कार्रवाई की फाइल को दबा गए एओ

हॉफ कॉलम::::::::- अब नगर आयुक्त ने आरोपी कर्मचारी कन्हई को जारी कर दिया गया नोटिस

BAREILLY:

जालसाजी कर सफाईकर्मी की नौकरी पाने वाले कर्मचारी पर एओ की मेहरबानी काम कर गई। वर्ष 2011-12 की ऑडिट रिपोर्ट फर्जीवाड़ा उजागर हुआ, तो विभागीय प्रक्रिया पूरी कर बर्खास्त करने के निर्देश हुए, लेकिन एओ ने फाइल दबा ली। बीते तीन वर्षो की सैलरी वसूली और बर्खास्तगी की बात कौन करे। सफाईकर्मी अभी भी सैलरी लेता रहा। हालांकि मामला संज्ञान में आने पर नगर आयुक्त ने आरोपी कर्मचारी को नोटिस जारी करते हुए सैलरी रोकने का आदेश दिया है।

मृतक आश्रित कोटे पर पायी थी नौकरी

आरोपी सफाईकर्मी कन्हई ने वर्ष 2009 में पिता की जगह मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी हासिल कर ली थी। नौकरी देते वक्त विभाग के अधिकारी इस तथ्य को छिपा गये कि कन्हई की मां भी नगर निगम में नौकरी करती है। इस तथ्य पर कन्हई ने पर्दा डाले रखा। वर्ष 2011-12 में ऑडिट टीम ने पाया कि कन्हई की मां नगर निगम में नौकरी कर रही है और वह पारिवारिक पेंशन का लाभ भी उठा रही है। इस आधार पर ऑडिट टीम ने नियक्ति को अवैध ठहरा दिया था।

6 लाख रुपए करनी थी वसूली

जिस वक्त अवैध नियुक्ति का प्रकरण संज्ञान में आया था, तब तक कन्हई को नगर निगम करीब 6 लाख रुपए से अधिक सैलरी दे चुका था, जिसकी वसूली करने के आदेश थे। एओ ने ऐसा खेल किया कि छह लाख रुपए वसूली को कौन कहे छह वर्षो में करीब 15 लाख रुपए से अधिक सैलरी दे दी।

20 तक मांगी रिपोर्ट

जब शासन को ऑडिट रिपोर्ट का कोई रेस्पॉश नहीं मिला तो नगर निगम को फाइनल नोटिस जारी कर दिया। और 20 नवम्बर को कार्रवाई सहित रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद इस कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त ने अकाउंट ऑफिसर को भी तलब कर लिया है। उनसे भी सवाल जबाव किए गए है।

नगर निगम में एक कर्मचारी ने फर्जी तरीके से नौकरी ले ली थी। उसमें यह छिपाया गया कि उसकी मां भी पहले से नगर निगम में नौकरी करती है। कर्मचारी को नोटिस जारी करते हुए सैलरी रोक दी गई है।

राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त