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LUCKNOW : लोकसभा चुनाव के दरम्यान विजिलेंस ने बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले की एक और जांच रिपोर्ट शासन को देकर आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ

अभियोजन स्वीकृति मांगी है। सूत्रों की मानें तो स्मारक घोटाले के कई अन्य बिंदुओं पर हुई विजिलेंस जांच में करीब दो दर्जन इंजीनियरों और दस से ज्यादा ठेकेदारों और सप्लायरों को दोषी पाया गया है। चुनावी माहौल होने की वजह से फिलहाल विजिलेंस और गृह विभाग के अफसरों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है।

ईडी भी कर रही जांच

विजिलेंस के अलावा इंफोर्सेमेंट डायरेक्टरेट (ईडी) भी स्मारक घोटाले की जांच कर रहा है। ईडी ने विगत 31 जनवरी को स्मारक घोटाले के आरोपी इंजीनियरों और सप्लायर्स के सात ठिकानों पर छापेमारी कर अहम सुबूत भी जुटाए थे। उल्लेखनीय है कि 2013 में लोकायुक्त जांच में करीब 1400 करोड़ का घोटाला सामने आने पर राज्य सरकार ने विजिलेंस को इसकी विस्तृत जांच करने का आदेश दिया था। जिसके बाद विजिलेंस ने एक जनवरी, 2014 को राजधानी के गोमतीनगर थाने में तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा समेत 199 लोगों को आरोपी बनाकर एफआईआर करायी थी।

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आरोपितों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति

इसके साथ ही जांच तेजी से करने के लिए एसआईटी भी बनाई जिसके बाद दो मामलों में जांच पूरी कर शासन से आरोपितों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी। इनमें कई आईएएस अफसरों के अलावा राजकीय निर्माण निगम के दो दर्जन से ज्यादा इंजीनियर शामिल थे। विजिलेंस ने इस मामले में हाल ही में शासन को एक और रिपोर्ट देकर आरोपियों की मुश्किलें बढ़ा दी है।