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DEHRADUN: दुष्कर्म पीडि़ता बेटी के मामले में पिता ने ही कोर्ट में अपना बयान बदल दिया. इतना ही नहीं उसने आरोपी के पक्ष में ही गवाही दे दी. सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को तो बरी कर दिया लेकिन, बयान बदलने वाले पीडि़ता के पिता के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. इस संबंध में कोर्ट के फैसले की कॉपी के साथ एसएसपी को केस दर्ज करवाने का आदेश जारी किया गया है.

मां-बाप ने बेटी के खिलाफ दिया बयान
सरकारी वकील भरत सिंह नेगी ने मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि एक अक्टूबर 2015 को डोईवाला थाने में एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग पुत्री को भगाकर दुष्कर्म के आरोप में ललित उर्फ मोनू पुत्र ऋषिपाल निवासी हरिद्वार के खिलाफ केस दर्ज कराया था. दो दिन बाद लड़की हरिद्वार के कनखल से बरामद हुई थी और ललित को भी अरेस्ट कर लिया गया. कोर्ट में चार्जशीट आने के बाद सुनवाई शुरू हुई तो वादी पक्ष लड़की की उम्र को लेकर सटीक जवाब नहीं दे पाया जिसके चलते उसकी आयु निर्धारित नहीं हो सकी. यही नहीं, लड़की के पिता ने आरोपी के पक्ष से भी गवाही दे दी. लड़की की मां भी पक्षद्रोही हो गई. दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि ललित ने लड़की को भगाया, जबकि लड़की ने कहा कि वह खुद हरिद्वार तक गई थी. शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की भी बात साबित नहीं हुई. ऐसे में आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया. वहीं, कोर्ट ने फैसले की कॉपी एसएसपी को भेजते हुए आदेश दिया कि वादी ने दोनों पक्षों की तरफ से गवाही दी जो कानून के विरुद्ध है, ऐसे में उसके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए.