सिया अब अपनी शापिंग ऑनलाइन करतीं हैं। आधे से ज़्यादा कपडे़ और बहुत सारा सामान उन्होंने ऑनलाइन खरीदा है। भारत में छोटे पारिवारिक कारोबार और मुहल्ले के व्यापारियों की लंबी और प्रभावशाली परंपरा है। लेकिन ऑनलाइन कारोबार यहां भी बढ़ रहा है।

जैसे जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है वैसे ही इंटरनेट पर शापिंग भी बढ़ रही है। अनुसंधान समूह 'जक्स्ट' के मुताबिक भारत में साढे़ छह करोड़ से ज़्यादा लोग वेब पर लाग-इन करते हैं।

यह इस देश के लिए एक छोटी संख्या हो सकती है लेकिन ये अपने आप में एक बड़े बाजार का प्रतिनिधित्व करता है।

भविष्य छोटे शहरों में

'ई-बे' इंडिया के अधिकारी मुरली कृष्ण का कहना है कि इस दर पर भारत वर्ष 2015 तक दुनिया में शीर्ष 10 'ई - कॉमर्स' यानी इंटरनेट पर व्यवसाय करने वाले केन्द्रों में से एक बन सकता है

उनकी भविष्यवाणी न केवल भारत के छोटे शहरों में बढ़ती इंटरनेट की ते़जी़ पर आधारित है, बल्कि बढ़ता हुआ उपभोक्तावाद भी विदेशी ब्रांड के लिए मांग बढ़ा रहा है

वह कहते हैं कि रिटेल मॉलों की तेज़ी से बढ़ती गिनती ने नवीनतम ब्रांड और उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाई है। इसका नतीजा यह है कि भारत का 'ई-कामर्स' बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है।

वर्ष 2011 की जनगणना के लिए 'ई-बे' की ओर से किए गए शोध के अनुसार भारत में 3311 से अधिक 'ई - कॉमर्स' केन्द्र हैं। 'ई-बे' के अनुसार दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, जयपुर और चेन्नई 'ई - कॉमर्स' के मामले में सबसे बड़े शहर हैं। लेकिन इससे ज़्यादा बड़ी बात यह है कि 40 प्रतिशत से अधिक लेन-देन छोटे शहरों में होता है।