कानपुर। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया चौथा टेस्ट मैच खेलने सिडनी ग्राउंड पर उतरी है। भारत इस सीरीज में 2-1 की बढ़त पहले ही बना चुका है। ऐसे में मेजबान कंगारु इस मैच में अपनी लाज बचाना चाहेंगे। आपको बता दें आज से 10 साल पहले इसी मैदान पर कुछ ऐसा हुआ था जब भारत-ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों की इज्जत दांव पर लग गई थी। ये चर्चित टेस्ट मैच जनवरी 2008 में सिडनी में खेला गया था जिसमें दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच इतना विवाद हुआ कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया। इस मामले को मंकीगेट के नाम से जानते हैं। ये लड़ाई भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्रयू साइमंड्स के बीच हुई थी। साइमंड्स का आरोप था कि भज्जी ने उन्हें मंकी यानी बंदर कहकर बुलाया था।

सिडनी टेस्ट : 10 साल पहले हुए मंकीगेट कांड का वो सच,जो आपको नहीं पता

मंकीगेट' विवाद कभी नहीं भूला जा सकता

2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच 'मंकीगेट' विवाद कभी नहीं भूला जा सकता है। सिडनी टेस्ट के दौरान साइमंड्स ने भज्जी पर नस्लीय कमेंट करने का आरोप लगाया था। इसके लिए उन पर लेवल 3 के चार्ज लगाए गए। उन्हें तीन टेस्ट मैचों के लिए बैन किया गया और 50 फीसदी मैच फीस का जुर्माना भी लगाया गया। हरभजन पर बैन लगने से टीम इंडिया के कई खिलाड़ी नाराज हुए। बाद में सचिन तेंदुलकर की गवाही के बाद जज हेनसन ने हरभजन पर लगा बैन हटा लिया। इस विवाद के बाद दोनों टीमों में जबर्दस्त तनाव पैदा हो गया था। बाद में साइमंड्स को अपना आरोप वापस लेना पड़ा। साइमंड्स का आरोप था कि हरभजन ने उन्हें 'मंकी' बुलाया था।

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इसलिए बच गए थे हरभजन सिंह

हरभजन सिंह पर आरोप लगने के बाद उन्हें सजा से मुक्ति क्यों मिल गई। इसके पीछे एक बड़ा रहस्य है जिसका खुलासा उस टेस्ट में मैच रेफरी रहे माइक प्राॅक्टर ने किया था। माइक ने 2017 में अपनी किताब Caught in the Middle, Monkeygate, Politics and Other Hairy Issues में इस बात का जिक्र किया है। माइक का कहना था कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन की गवाही पर हरभजन को दोषी पाया था। मगर मैदान पर मौजूद दोनों अंपायर और हरभजन के साथ बैटिंग कर रहे सचिन तेंदुलकर ने इस बात से साफ इंकार कर दिया था कि उन्होंने भज्जी को कुछ अपशब्द कहते सुना। यही नहीं वीडियो फुटेज में भी भज्जी कुछ ऐसा कहते नहीं दिखाई दिए। इसके अलावा भारतीय टीम ने यह कहते हुए भी हरभजन का बचाव किया कि उन्हें इंग्लिा आती ही नहीं तो वह साइमंड्स से क्यों बोलेंगे। खैर इस विवाद को हुए एक दशक हो गया। अब तो ये दोनों विवादित खिलाड़ी टीम में भी नहीं हैं।

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