कानपुर। भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में हुए दूसरे टेस्ट मैच में भारत को पारी और 159 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय बल्लेबाजों का घटिया प्रदर्शन मैच की दोनों पारियों में देखने को मिला। पहली पारी में केवल 107 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में भी भारत के बल्लेबाज केवल 130 रन ही बना पाए। मेजबान टीम ने 7 विकेट पर 396 रन बनाए और पारी की घोषणा कर दी। पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड को 289 रन की बढ़त मिली। इंग्लैंड की इस जीत के हीरो जेम्स एंडरसन रहे जिन्होंने मैच में 9 विकेट झटककर भारतीय बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया।

भारत-इंग्लैंड : जेम्स एंडरसन के डेब्यू टेस्ट के वक्त दो प्लेयर्स को छोड़ पूरी टीम इंडिया नाबालिग थी

भारत को हार की कगार पर ले गए एंडरसन

इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट हारने के बाद मेहमान टीम इंडिया पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ गई। पिछले दोनों टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह से ढह गई। इसके जिम्मेदार हैं इंग्लैंड के 36 साल के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन। एजबेस्टन टेस्ट में 4 और फिर लॉर्ड्स में 9 विकेट लेकर एंडरसन ने भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। विराट कोहली से लेकर अजिंक्य रहाणे तक कोई भी उनकी गेंदबाजी का सामना नहीं कर पाया। एंडरसन इस समय जिस फॉर्म में है, भारत के लिए आने वाले मैचों में बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली है।

भारत-इंग्लैंड : जेम्स एंडरसन के डेब्यू टेस्ट के वक्त दो प्लेयर्स को छोड़ पूरी टीम इंडिया नाबालिग थी

एंडरसन ने 2003 में किया था टेस्ट डेब्यू

30 जुलाई 1982 को लैंकशॉयर में जन्में जेम्स एंडरसन को निकनेम जिमी है। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, एंडरसन ने साल 2003 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वक्त भारतीय टीम में जितने खिलाड़ी खेल रहे उनमें दो को छोड़ दिया जाए तो बाकी सब 2003 में नाबालिग थे। विराट कोहली से लेकर पुजारा और मोहम्मद शमी सभी उस वक्त 15 साल के थे। सबसे छोटे तो कुलदीप यादव हैं जिनकी तब उम्र सिर्फ 9 साल थी, वहीं हार्दिक पांड्या 10 बरस के थे। हालांकि दिनेश कार्तिक और मुरली विजय दो ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रमश: 18 और 19 साल के थे।

भारत-इंग्लैंड : जेम्स एंडरसन के डेब्यू टेस्ट के वक्त दो प्लेयर्स को छोड़ पूरी टीम इंडिया नाबालिग थी

एक मैदान पर 100 विकेट लेने वाले पहले इंग्लिश गेंदबाज

जेम्स एंडरसन की शानदार गेंदबाजी की वजह है उनका 15 साल का टेस्ट मैच खेलने का अनुभव। यही नहीं किसी एक मैदान में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले वह मुथैया मुरलीधरन के बाद विश्व के दूसरे गेंदबाज हैं। एंडरसन ने यह कारनामा क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर किया है। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, एंडरसन ने यहां 23 मैच खेलकर 103 विकेट अपने नाम किए। कुल विकेटों की बात करें तो दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अभी तक 140 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 553 विकेट झटक लिए। यही नहीं 27 बार उन्होंने 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं।

पिच का उठाया भरपूर फायदा

तेज गेंदबाज एंडरसन ने लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन माना था कि उनकी टीम ने पिच का भरपूर फायदा उठाया। भारतीय बल्लेबाज हमारी गेंदों का सामना नहीं कर पाए और जल्द ही विकेट गंवा बैठे। 36 साल के एंडरसन ने आगे यह भी कहा, 'मुझे लगता है कि हमने दूसरे दिन काफी अच्छी गेंदबाजी की। ऐसी कंडीशन में हम दुनिया की मजबूत से मजबूत बैटिंग वाली टीम को भी आउट कर सकते हैं। हमने बमुश्किल ही खराब गेंद फेंकी होगी। वे (भारतीय बल्लेबाज) हमारी गेंदों पर लंबे शॉट नहीं लगा पाए जिससे पूरे दिन उन पर दबाव बना रहा। मुझे नहीं लगता कि ऐसी कंडीशन में सिर्फ भारतीय बल्लेबाजी ही लड़खड़ाई, हर किसी को यहां बल्लेबाजी करने में दिक्कत हो सकती थी।'

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