नो ड्यूज का भरा फार्म ले गई पुलिस, साइबर एक्सपर्ट की हेल्प से खोलेंगे कम्प्यूटर

ALLAHABAD: भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में आखिरकार शनिवार को पुलिस दाखिल हो ही गई। सीओ सिविल लाइंस श्रीशचन्द्र फोर्स लेकर आईआईआईटी परिसर में पहुंचे और कुछ देर इंतजार के बाद सीधे उस लैब में पहुंचे, जिसमें परमात्मा बैठता था। इसे आईआईआईटी प्रशासन ने सील करवा दिया था। पुलिस की मौजूदगी में सील लैब को खोला गया और परमात्मा के कम्प्यूटर के इर्द-गिर्द मौजूद कागजात को पुलिस ने लेकर अपने पास रख लिया। पुलिस के साथ परमात्मा के भाई अवनीश यादव भी मौजूद रहे।

फोकस में आये चन्द्रकांत उपाध्याय

बताया जा रहा है कि सीओ की मौजूदगी में चली कार्रवाई के दौरान संस्थान का कोई बड़ा अफसर मौके पर नहीं पहुंचा। मौके पर सुरक्षा अधिकारी एलएन शर्मा और संस्थान के कुछ सुरक्षाकर्मी ही मौजूद रहे। सीओ ने मौत के बाद परमात्मा की जेब से मिली चॉबी से सील लैब को खोला। पुलिस को कार्रवाई में परमात्मा और उसके साथी चन्द्रकांत उपाध्याय द्वारा भरे गये नो ड्यूज का फार्म मौके से प्राप्त हुआ। फॉर्म पर 10 जून की डेट पड़ी हुई थी। बताया जा रहा है कि इसपर केवल सिग्नेचर नहीं था। इससे यह भी माना जा रहा है कि अभी चन्द्रकांत उपाध्याय की मार्कशीट भी संस्थान में ही जमा है। बताया जाता है कि चन्द्रकांत संस्थान छोड़कर काफी पहले ही उड़ीसा जा चुके हैं।

अब प्रो। अनुपम से होगी पूछताछ

वहीं पुलिस ने परमात्मा के कम्प्यूटर को भी ओपन करने का प्रयास किया। लेकिन उसे ओपन नहीं किया जा सका। सीओ की कोशिश कम्प्यूटर को ओपन करके परमात्मा यादव के ईमेल को चेक करने की थी। जिससे कई राज बाहर आने की पूरी संभावना है। लेकिन इसका पासवर्ड पता न होने के कारण पुलिस यह काम नहीं कर सकी। उधर, पुलिस का पूरा फोकस आरोपों की जद में आये इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल से पूछताछ करने पर है।

लैब को दोबारा सील करवा दिया गया है। परमात्मा और चन्द्रकांत ने मूल प्रपत्र वापस करने के लिये नो ड्यूज के लिये फार्म भरा था। इसका प्रॉसेस क्यों रूका ? यह जांच का विषय है। अब प्रोफेसर को पूछताछ के लिये बुलाया गया है।

श्रीशचन्द्र, सीओ सिविल लाइंस