- रानीखेत के चौबटिया में दोनों सेनाओं ने शुरू किया युद्धाभ्यास

- दोनों सेनाओं के 350-350 जवान अफसर हैं शामिल

रानीखेत : भारत और अमेरिका का 14वां संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास रानीखेत के पास चौबटिया में रविवार को शुरू हो गया है। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य अफसरों ने कहा कि आज आतंकवाद वैश्विक चुनौती बन चुका है और भारत-अमरिका इससे मिलकर निपटेंगे। अभ्यास में दोनों सेनाओं के 350-350 जांबाज भाग ले रहे हैं।

मिलकर निपटेंगे आतंक से

रविवार को चौबटिया के गरुड़ मैदान में दोनों देशों के जांबाजों ने अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ फ्लैग मार्चपास्ट किया। गरुड़ डिविजन के मैत्री द्वार से दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने विश्व शांति के लिए आतंकवाद के खात्मे का संदेश दिया। उन्होंने इस युद्धाभ्यास को अब तक का सबसे अहम युद्धाभ्यास बताते हुए कहा कि बेहतर युक्ति, तकनीक, रणनीति व रणकौशल का आदान-प्रदान कर भविष्य में भारत व अमेरिका आतंकवाद से निपटने को मिलकर काम करेंगे।

सामरिक रिश्ते होंगे मजबूत

मार्चपास्ट की सलामी लेने के बाद मुख्य अतिथि अमेरिकी बटालियन कमांडर विलियम ग्राहम ने कहा, यह संयुक्त युद्धाभ्यास दोनों देशों के सैनिकों के लिए आपस में बहुत कुछ सीखने का मौका है। इससे भारत व अमेरिका के बीच सामरिक रिश्ते और मजबूत होंगे। आतंकवाद की चुनौती को ध्वस्त करने में भारत एक अच्छा दोस्त साबित होगा। वहीं यह अभ्यास 'काउंटर इंसर्जेसी व काउंटर टेरेरिज्म' की दिशा में नई तकनीक विकसित करने का अच्छा माध्यम साबित होगा।

अमेरिकी सेना का गर्मजोशी से स्वागत

युद्धाभ्यास से पहले मेजबान भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल (सेना मेडल) कविंद्र सिंह ने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया। कहा कि दो सप्ताह के युद्धाभ्यास के बाद अमेरिकी व भारतीय फौज नई सोच, नई तकनीक व नई ऊर्जा से सराबोर होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में 40-45 जवानों से शुरू संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास अब डिविजन स्तर पर वृहद आकार ले चुका है।