पलेमबंग (पीटीआई)। भारत-पाकिस्तान के बीच शांति एक सपने की तरह लगती है लेकिन जकार्ता में आयोजित 18वें एशियन गेम्स में दोनों देशों के बीच तालमेल को देखकर यही लगता है कि सपना जल्द ही हकीकत में बदलने वाला है। दरअसल, एशियन गेम्स में दोनों देशों के एथलीट स्वतंत्र रूप से एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं और आगे के मैचों के लिए चीयर भी करते हैं। बता दें कि जब भारतीय टीम के रोहन बोपाना और दिविज शर्मा जकाबारींग टेनिस सेंटर में मुकाबला कर रहे थे तब वहां पाकिस्तान के टेनिस प्लेयर भी मौजूद थे। जैसे ही भारतीय टीम ने टेनिस में गोल्ड हासिल किया, उसके बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भी जमकर अपने ख़ुशी का इजहार किया।

दिल्ली घर जैसा लगता है
पाकिस्तान टेनिस के अनुभवी अकिल खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मैंने भारत में खास कर दिल्ली में अपने जीवन के कुछ बेहतरीन टेनिस खेले हैं, उस दौरान मैंने कई खास दोस्त भी बनाए। मैं अभी भी उनके साथ लगातार संपर्क में रहता हूं। जब भी मैं दिल्ली में खेलने जाता था तो मुझे घर की याद नहीं आती थी क्योंकि दिल्ली भी एक घर जैसा था। बता दें कि आकिल खान 2000 से 2010 के बीच भारत में आईटीएफ फ्यूचर्स खिताब जीत चुके हैं। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा, 'मैं हैदराबाद भी गया हूं, मैं जो कराची में खाना पसंद करता हूं वहां वो सब कुछ मिल जाता है। दिल्ली वह जगह है, जिसकी मुझे सबसे ज्यादा याद आती है। डीएलटीए के मैचों के बाद, हम ग्रीन पार्क और साउथ एक्स जैसे स्थानों में खाने के लिए बाहर जाते थे। उस वक्त ऐसा लगता था जैसे मैं अपने शहर में ही खेल रहा हूं।'

भारत के साथ खास रिश्ता

पाकिस्तानी खिलाड़ियों का भारतीयों के प्रति ऐसा बर्ताव निशानेबाजी में भी देखने को मिला। पाकिस्तानी पिस्टल शूटर गुलाम मुस्तफा बशीर ने कहा कि वे एशियन गेम्स के दौरान ज्यादातर भारतीय खिलाड़ियों के साथ मिलते-जुलते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों के साथ हमारा खास रिश्ता है। हम एक ही भाषा बोलते हैं, इसलिए लगता है कि हम एक जैसे हैं। हम हमेशा एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं।

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