-बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में सक्रिय दलालों का सिंडिकेट

-दबंग किस्म के स्टूडेंट की शह पर चल रहा मरीजों को लूटने का धंधा

एम्स का दर्ज हासिल बीएचयू का सर सुंदरलाल हॉस्पिटल दलालों के सिंडिकेट में फंस गया है. बिहार यूपी सहित नेपाल और मध्य प्रदेश से आने वाले मरीजों को दवा और जांच के नाम पर शिकार बना रहे हैं. इस सिंडिकेट की कमाई का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि दबंग इनसे ही हर महीनें लाखों की रंगदारी वसूलते हैं. बीएचयू एमसीए स्टूडेंट गौरव सिंह की हत्या की वजह भी दलालों से वसूली ही रही. दलालों की कारस्तानी की जानकारी पुलिस को भी है बल्कि चर्चा तो यहां तक है कि सिंडिकेट के संचालन में थाने का रोल भी है.

हॉस्पिटल में दलालों के खिलाफ छापेमारी करके डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है. बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन व पुलिस अधिकारियों के बीच पिछले दिनों हुई मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि एसएस हॉस्पिटल में 60 से अधिक दलाल सक्रिय हैं. इन्हें लोकल थाना और बीएचयू छात्रों का शह प्राप्त है.

बेच रहे नाम डॉक्टरों का नाम

-अस्पताल में सक्रिय दलाल तरह-तरह के नायाब तरीके से मरीजों को ठगते हैं

-मरीजों की भीड़ में दूर-दराज से आने वालों को तलाशते हैं

-एक बार शिकार चुन लेने के बाद मरीज को नामी डॉक्टर से आसानी से दिखाने और दवा दिलाने का झांसा देते हैं

-बड़े व नामी चिकित्सकों का नेम प्लेट किसी रूम के बाहर लगाकर फर्जी डॉक्टर से भोर में दिखा देते है.

-दवा के नाम पर महंगी कैल्शियम लिखवाते है, जिससे मरीज की सेहत पर कोई नुकसान भी न पड़े.

-सिंडिकेट लंका के आसपास, रश्मि नगर, साकेतनगर, भगवानपुर आदि इलाकों में धड़ल्ले से चल रहा है.

बंधा है सबका हिस्सा

बीएचयू हॉस्पिटल में सक्रिय दलालों के सिंडिकेट में सभी का हिस्सा बंधा है. दलालों के पीछे दबंग स्टूडेंट्स का हाथ होता है. इनकी इजाजत के बिना कोई दलाल हॉस्पिटल कैंपस में दाखिल नहीं कर सकता है. पुलिस या बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन की कार्रवाई में यदि कोई दलाल पकड़ा जाता है तो दबंग स्टूडेंट उसे बचा लेते हैं और 20 से 25 हजार रुपये महीना की रकम वसूलते हैं.

लगायी गयी थी फोटो

बेहतर इलाज की आस में खेत-खलिहान बेचकर तो कोई जेवर गिरवी रखकर बीएचयू आता है. गेट पर ही गिद्ध की तरह दलालों की आंख उनपर नजर गड़ जाती है. हमदर्द बनकर उन्हें ठग लेते हैं. एक दलाल से सुबह से लेकर दोपहर तक दस मरीज भी फंस गए तो एक दिन में कम से कम पांच से दस हजार रुपये ऐंठ लेता है. वहीं दवा और जांच की दुकानों से कमीशन अलग मिलता है. कुछ दिनों पहले इनके खिलाफ अभियान चलाया गया था. करीब दो दर्जन से अधिक दलालों के फोटो भी जगह-जगह हॉस्पिटल में चस्पा की गयी थी लेकिन इन पर लगाम नहीं लगा.

सात हुए गिरफ्तार

बीएचयू में जबरदस्ती दवा दिलाने को लेकर बंधक बनाए गए लोहता निवासी प्रवीण सिंह की शिकायत पर लंका पुलिस ने बुधवार को सात दलालों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि प्रवीण अपने मित्र पंकज तिवारी को बीएचयू हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंचे था. डॉक्टर को दिखाकर बाहर निकला कि गेट पर कुछ युवक जबरदस्ती दवा दिलाने के नाम पर आठ हजार रुपये की मांग करने लगे. पैसा नहीं देने पर सुपर स्पेसिएलिटी हॉस्पिटल ले गए और बंधक बनाकर मोबाइल छीन लिया. प्रवीण के पहचान करने पर पुलिस ने सुरेन्द्र मिश्रा, धनेश्वर सिंह, बृजेश कुमार पटेल, संतोष सिंह चौहान, आशीष सिंह, देवाशीष कुंदु, घनश्याम सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.