PATNA: जाने अनजाने में हाथ खून से सने गए और अब जिंदगी सलाखों के पीछे गुजर रही है। प्रायश्चित का यह समय इतिहास बना रहा है। जेल से वही हाथ बड़ा संदेश दे रहे हैं जो किसी न किसी अपराध से सने हुए हैं। पौधे लगाकर वह जेल में हरियाली फैला रहे हैं साथ ही साथ आम लोगों को हरियाली से जोड़ने की मिसाल पेश कर रहे हैं। सलाखों के पीछे कैदियों की बागवानी जेल को फूलों से महका रही है। जेल से जुड़े अफसरों का कहना है कि कैदी पेड़ पौधे ही नहीं कई ऐसी एक्टिविटी कर रहे हैं जो पॉजिटिव एनर्जी का संचार करती है।

बगिया से महक रही जेल

आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर में सजायाफ्ता कैदी की बगिया से पूरी जेल महक रही है। पर्यावरण को लेकर नजीर पेश करते कैदियों ने जेल की सुंदरता को बढ़ा दिया है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर कैदियों की इस पहल को जेल प्रशासन भी काफी प्रोत्साहित कर रहा है और इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया जा रहा है। गुलाब, रजनीगंधा, डेहलिया, गुलदावरी, बेली के साथ अधिक संख्या में मौसमी फूलों को गमलों में लगाया गया है। फूलों की खुशबू से पूरी जेल महकती है। पौधारोपण से उसकी सुरक्षा को लेकर भी कैदी काफी गंभीर है। जेल अफसरों का कहना है कि इससे कैदियों का समय कटता है और उनके अंदर बदलाव की भावना आती है।

- जेल से बाहर जाएगी फूलों की खुशबू

कारागार प्रशासन का कहना है कि कैदियों द्वारा गमलों में लगाए गए फूलों को बाहर भी भेजा जाएगा। इस खुशबू की सुगंध से बाहरी इलाका भी महकेगा। जेल अधिकारियों का कहना है कि कैदियों के हाथों गमलों में उगाए गए फूलों को बाहर बेचा जाएगा और इससे जो पैसा आएगा उसे कैदियों के कल्याणार्थ पर खर्च किया जाएगा। जेल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जेल में हरियाली के साथ सुगंध लाने की पहल सजायाफ्ता कैदी कृपाशंकर सिंह ने की थी। बताया जाता है कि उसने अपने पैसे से वार्ड के पास क्यारी बनाकर गुलाब के पौधों से हरियाली की शुरुआत की। वह इन फूलों को सींचता रहा। एक-एक कर कई फूलों का पौधा लगाया और वार्ड को खुशबू से महका दिया। इसके बाद कारागार प्रशासन ने इसका विस्तार करने का प्लान बनाया। मौजूदा समय में एक हजार से अधिक गमलों में फूल लगाए गए हैं।

-पहल को आगे बढ़ाएगा जेल प्रशासन

कारागार प्रशासन का कहना है कि कैदियों की पहल को आगे बढ़ाया जाएगा। कैदी फूलों के साथ हरियाली को लेकर काफी गंभीर है। इसे बढ़ावा देने के लिए कैदियों के लिए पौधारोपण पर प्रतियोगिता कराई जा रही है। इसमें जेल के पांचों खंडों के बीच सर्वाधिक फूलों की बहार को लेकर पुरस्कार दिया जाएगा। जेल अधिकारियों का कहना है कि कारागार में पौधारोपण को लेकर कैदियों की रुचि काफी बढ़ रही है और इससे आम लोगों तक बड़ा संदेश पहुंच रहा है।