-शासन के निर्देश पर तत्कालीन वीसी योगेंद्र यादव ने की थी जांच

-दागियों को बचाने में घिरा प्राधिकरण, कमिश्नर ने किया तलब

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: दागी कर्मचारियों और अधिकारियों की जांच कर कार्रवाई का सरकार का आदेश एमडीए के कूड़ेदान में पड़ा है। गौरतलब है कि तत्कालीन उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने शासन के आदेश पर मेरठ विकास प्राधिकरण के कई बाबुओं की संपत्ति की जांच कराई थी। किसी कार्रवाई को अमल में लाते इससे पहले ही पूर्व वीसी का तबादला हो गया।

करोड़पति हैं 'बाबू'

मेरठ विकास प्राधिकरण में कार्यरत कुछ कर्मचारियों की शिकायत के बाद कुंडली खंगालने का काम तत्कालीन एमडीए उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने किया था। कर्मचारी नेताओं के साथ विवाद के बाद सुर्खियों में आए प्रकरण में पूर्व वीसी ने करीब 17 कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की थी जिसमें उन्होंने कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का विस्तृत ब्योरा सरकार को सौंपा था। विभिन्न पटलों पर तैनात प्राधिकरण के करीब 42 कर्मचारियों के खिलाफ नामी-बेमानी शिकायतों को संज्ञान में लेकर की गई जांच के आंकड़े चौंकाने वाले थे।

प्राधिकरण के कई कर्मचारी 'करोड़पति' निकले तो कई की मेरठ के अलावा एनसीआर में अचल संपत्ति पकड़ में आई। बता दें कि उसी दौरान शासन द्वारा विभागों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी सरकार द्वारा तलब किया जा रहा था। एमडीए के बाबुओं द्वारा भेजी गई डिटेल की क्रॉस चेकिंग भी तत्कालीन प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कराई थी।

खटाई में पड़ी कार्रवाई

जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई को अमल में लाया जाता इससे पूर्व ही तत्कालीन उपाध्यक्ष का तबादला हो गया और कार्रवाई खटाई में पड़ गई। मौजूदा उपाध्यक्ष सीताराम यादव ने दागी कर्मचारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट पर अभी कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ाया है। हालांकि कमिश्नर के आदेश पर विभिन्न प्रकरणों में जांच के बाद दोषी कर्मचारियों के खिलाफ प्राधिकरण कार्रवाई के मूड में है।

महिला कर्मचारी पर शिकंजा

एमडीए की आवासीय योजना लोहिया नगर में प्लाट आवंटन में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले में संपत्ति विभाग में तैनात एक महिला कर्मचारी की भूमिका प्रकाश में आ रही है। आरोप की पुष्टि के बाद प्राधिकरण सचिव राजकुमार ने इस संबंध में जांच रिपोर्ट उपाध्यक्ष को सौंपते हुए निलंबन की कार्रवाई के लिए लिखा है। वहीं प्राधिकरण के कई कर्मचारी रडार पर हैं।

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पिछली जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है। हां, प्राधिकरण में तैनात कुछ कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली है। जिस पर सचिव को जांच के लिए कहा गया है।

-सीताराम यादव, उपाध्यक्ष, एमडीए