आज अगर वह जीवित होते तो उनकी उम्र 160 साल होती. पेट्री ने मिलिट्री फिजिशयंस के लिए बनी कैसर विलहेम एकेडमी, बर्लिन से मेडिसिन की पढ़ाई की थी. इसके बाद उन्होंने मॉडर्न बैक्टीरियोलॉजी के पिता कहे जाने वाले रॉबर्ट कोच के साथ इंपीरियल हेल्थ ऑफिस में काम किया.

गूगल डूडल में छह पेट्री डिशे बनाई गई हैं जिन्हें प्ले बटन क्लिक करने पर एक हाथ पोंछने लगता है. इसके बाद बैक्टीरिया ग्रो करते और डिश पर फैलते नजर आते हैं. फिर वह अल्फाबेट में बदल जाते हैं जिन्हें मिलाकर पढ़ने पर गूगल का नाम उभर आता है.

यह जानकर आश्चर्य होगा कि पेट्री पहले आदमी नहीं थी जिन्होंने बैक्टीरिया को ग्रो करने के लिए यूज होने वाले अगर का इस्तेमाल किया, उन्होंने इसके लिए यूज होने वाली स्टैंडर्ड डिश का आविष्कार किया.

पेट्री डिश साइंटिस्ट और रिसर्चर्स के लिए बैक्टीरिया और उनसे होने वाली बीमारियों की पहचान में मददगार है. पेट्री डिश बाद में लैब से होते हुए क्लासरूम तक पहुंच गईं जहां इनका यूज बॉयोलॉजी स्टूडेंट विभिन्न एक्सपेरीमेंट के लिए करते हैं.

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