जिंबाब्वे क्रिकेटर का नाम है बड़ा अटपटा

कानपुर। जिंबाब्वे के प्लमट्री में आज से 41 साल पहले एक ऐसे तेज गेंदबाज का जन्म हुआ था जिसका अंतरराष्ट्रीय करियर तो ज्यादा लंबा नहीं चला। मगर इस दौरान उन्होंने बड़े-बड़े बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया, जिसमें सचिन तेंदुलकर से लेकर वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज शामिल हैं। इस गेंदबाज की गेदों की तरह उनका नाम भी काफी रहस्यमयी है। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के मुताबिक, दुनिया में सबसे कठिन नामों वाले क्रिकेटरों में इस जिंबाब्वे क्रिकेटर का नाम सबसे ऊपर आता है, इनका नाम है Mpumelelo Mbangwa अब इतना कठिन नाम तो कोई बुला नहीं सकता था। ऐसे में इस खिलाड़ी को लोग 'पॉमी' के नाम से जानने लगे।

वनडे में चटकाए सिर्फ 11 विकेट

पाकिस्तान के खिलाफ 1996 में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पॉमी ने वनडे से ज्यादा टेस्ट में शानदार परफॉर्म किया है। टेस्ट में इस गेंदबाज के नाम 15 मैचों में 32 विकेट दर्ज हैं तो वहीं वनडे में 29 मैचों में सिर्फ 11 विकेट ले पाए। सीमित ओवरों के खेल में पॉमी भले कुछ खास परफॉर्म न कर पाए हों मगर 1998 में एक ट्राइएंगुलर सीरीज में भारत के खिलाफ एक मैच में पॉमी ने भारतीय टॉप ऑर्डर बल्लेबाज को आउट कर सबकी वाहवाही लूट ली थी।

सचिन को 1 रन पर आउट कर चर्चा में आया था ये गेंदबाज,नाम ऐसा की जबान लड़खड़ा जाए

एक ओवर में किया था सचिन और लक्ष्मण को आउट

मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में जिंबाब्वे ने टॉस जीतकर पहले भारत को बल्लेबाजी का न्यौता दिया। टीम का कुल स्कोर अभी 8 रन ही हुआ था कि पॉमी ने एक रन के निजी स्कोर पर सचिन को आउट कर दिया। यह वो दौर था जब तेंदुलकर अपनी बल्लेबाजी के चरम पर थे। सचिन के आउट होते ही वीवीएस लक्ष्मण क्रीज पर आए। लक्ष्मण का यह वनडे डेब्यू मैच था। कलाई के जादूगर लक्ष्मण ने अभी पॉमी की दो गेंदें ही खेली थीं कि तीसरी गेंद पर वह एलबीडबल्यू आउट हो गए। यानी कि पॉमी ने एक ओवर में सचिन और लक्ष्मण को आउट कर भारत को डबल झटका दिया। खैर यह तो शुक्र था कि बाद में कप्तान अजहर (153) और जडेजा (116) ने मिलकर पारी को संभाला और भारत की जीत की नींव रखी। भारत यह मैच 32 रन से जीत गया था।

सिर्फ 6 साल खेला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट

सचिन और लक्ष्मण जैसे दिग्गजों को एक ही ओवर में आउट करने के बाद पॉमी रातोंरात चर्चा में आ गए थे। उस दिन मैच से ज्यादा इन पॉमी की गेंदबाजी पर लोग बात कर रहे थे। मगर उनकी जादुई गेंदबाजी ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाए। पेस से ज्यादा लाइन-लेंथ में भरोसा रखने वाले पॉमी लगातार अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाए जिसके चलते उन्हें टीम से अंदर-बाहर होना पड़ा। खैर 6 साल के इंटरनेशनल मैच खेलने के बाद 2002 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और अब वह कमेंटेटर के रूप में नजर आते हैं।

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