शंख को हमारे हिन्दू धर्म में पूजनीय और पवित्र माना गया है। शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान ही हुई थी। हमें अपने पूजा घर में शंख को अवश्य रखना चाहिए और इसे नियमित रूप से बजाते भी रहना चाहिए। मंगल और धार्मिक कार्यों में भी शंख को बजाना शुभ माना गया है।

माता लक्ष्मी के भाई हैं शंख

विष्णु पुराण के अनुसार, मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख। बहुत से लोग तो भगवान गणेश को मां लक्ष्मी का भाई मानते हैं, लेकिन यह सत्य नहीं है क्योंकि असल में मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख। शंख अपने आप में बहुत खास माने जाते हैं। वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, इसे बजाने से व्यक्ति के दिल की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं, स्मरण शक्ति बढ़ती है और सांस सम्बन्धी कई रोगों से भी आपको मुक्ति मिलती है।

मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख,इसे बजाने से मिलती है कई रोगों से मुक्ति

शंख तीन प्रकार के बताए गए हैं

वामावर्ती, दक्षिणावर्ती और मध्यवर्ती। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिणावर्ती शंख भगवान विष्णु का और वामावर्ती शंख माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।

स्थापना का शुभ दिन

अगर आप अपने घर में शंख की स्थापना करना चाहते हैं तो इसके लिए दीपावली, होली, महाशिवरात्रि, नवरात्र, रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य नक्षत्र का इंतज़ार करना होगा क्योंकि यही शुभ मुहूर्त मानें जाते हैं।

मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख,इसे बजाने से मिलती है कई रोगों से मुक्ति

शंख के खास फायदे

1. क्या आप जानते हैं कि शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध होता है और कीटाणुओं का भी नाश होता है। यह बात सिर्फ विष्णु पुराण में नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं।

2. शंख बजाने से वाणी दोष भी समाप्त हो जाता है।

3. शंख की आवाज़ को भी बहुत शुभ व अच्छा माना गया है। इसकी आवाज़ सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा आपसे कोसों दूर रहती है।

-ज्‍योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

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