- स्कूलों में शिक्षक कार्य बेहतर बनाने के लिए एससीईआरटी करा रहा तैयारी

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PRAYAGRAJ: प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था और एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए एससीईआरटी नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। इसका फायदा सूबे के करीब तीन हजार बीटीसी व डीएलएड कॉलेजों के प्रशिक्षुओं को होगा। प्रशिक्षुओं को अब इंटर्नशिप में बदलाव करते हुए कई नई चीजें जोड़ी जाने की तैयारी है। इससे स्कूलों में नियमित शिक्षक के रूप में ज्वाइन करने के बाद स्कूल की व्यवस्था और शिक्षण कार्य को बेहतर किया जा सके।

पहली बार इंटरर्नशिप मैनुअल

सूबे में पहली बार प्रदेश स्तर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी डीएलएड (बीटीसी ) प्रशिक्षुओं के लिए इंटर्नशिप मैनुअल तैयार करा रहा है। इसमें डायट के प्राचार्य, शिक्षा विभाग के अधिकारियों व इंटर्नशिप कराने वाले स्कूल के प्रधानाध्यापकों के लिए अब दायित्व निर्धारण किया जाएगा। जिससे प्रशिक्षुओं को बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके। अभी तक बीटीसी व डीएलएड प्रशिक्षण के दौरान हर सेमेस्टर में इंटर्नशिप का प्रावधान है। इसमें प्रशिक्षुओं को बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में भेजा जाता है। प्रशिक्षु विद्यालयों में जाते तो है, लेकिन इंटरर्नशिप सिर्फ एक खानापूर्ति रहती है। प्रशिक्षु पठन-पाठन में ठीक से रुचि नहीं लेते हैं। स्कूल के प्रधानाध्यापक भी खानापूरी करते हुए आमतौर पर प्रशिक्षु की पॉजिटिव रिपोर्ट भेजकर अपना काम पूरा करते है। सेमेस्टर परीक्षाओं में प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन बेहतर न होने से एससीईआरटी उनकी पढ़ाई के साथ ही इंटर्नशिप को लेकर नए-नए नियम बना रहा है। जिससे परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ायी जा सके।

बच्चों के समग्र विकास पर रहेगा अधिक फोकस

इंटर्नशिप मैनुअल तैयार करने के साथ ही एससीईआरटी ने सूबे के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषयों हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन व पर्यावरण अध्ययन के लिए शिक्षण संबंधी परिणाम अभिलेख का विकास किया है। इसमें बच्चों के समग्र विकास पर अधिक फोकस रहेगा। इसके साथ ही स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता में भी पहले के मुकाबले अधिक सुधार होगा।

अंग्रेजी की सुधरेगी पढ़ाई

परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी विषय की पढ़ाई में सुधार के लिए एससीईआरटी ने प्रारम्भिक स्तर पर बच्चों को अंग्रेजी से परिचित कराने के लिए अंग्रेजी पठन कौशल मॉड्यूल तैयार किया है। इसके साथ ही राज्य स्तरीय संदर्भदाताओं को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। अब संदर्भदाता जिलों में हर प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक को इसके लिए बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करेंगे। जिससे परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई बेहतर हो सके।