- घटनास्थल कॉलेज परिसर पहुंचकर आयोग की टीम ने की पूछताछ

- प्रिंसिपल के पास ठेकेदार का नंबर तक नहीं मिला

DEHRADUN : सहसपुर स्थित शिवालिक इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में 11 वर्षीय बच्ची के साथ हुए रेप और मर्डर मामले में मंडे को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम मौके पर पहुंची। कॉलेज के डायरेक्टर से पूछताछ की गई तो उनके पास काम करवाने वाले ठेकेदार का नंबर तक नहीं था। पि्रंसिपल को यह भी जानकारी नहीं थी कि कितने मजदूर वहां काम कर रहे थे। इसके साथ ही डायरेक्टर के बयान और पुलिस की रिपोर्ट में भी विरोधाभास मिला।


पकड़वाने का दावा

बाल आयोग की ओर से शारदा त्रिपाठी और सीमा डोरा मौके पर गए थे। डायरेक्टर ने आयोग को बताया कि मामले का पता चलने पर उन्होंने खुद पुलिस का सूचित किया और आरोपी को पकड़वाया। उधर पुलिस अपने प्रयास से आरोपी को पकड़ने की बात कह चुकी है। आयोग सच्चाई की जांच करेगा।

 

सोता रहता था आरोपी

आयोग को पता चला कि आरोपी दस दिन पहले यहां काम करने आया था, लेकिन उसने एक दिन भी काम नहीं किया। उसको कोई भी वहां कोई पहचानता भी नहीं था। मजूदरों ने बताया कि उसको काम करते कभी नहीं देखा। कुछ मजदूरों ने बताया कि वह शराब पीकर सोता रहता था।

 

ठेकेदार, इंजीनियर, डायरेक्टर होंगे तलब

बाल आयोग की टीम की ओर से इस मामले में ठेकेदार, इंजीनियर और डायरेक्टर को तलब किया जाएगा। आयोग के सदस्यों का कहना है कि विरोधाभासी बयान सहित कई गुत्थियां अनसुलझी हैं। ऐसे में टीम जांच पूरी करेगी।

 

आयोग के सवाल

पुलिस और डायरेक्टर के बयान विरोधाभासी हैं।

मजदूरों का कोई ब्यारो ही उपलब्ध नहीं है।

डायरेक्टर के पास ठेकेदार का नंबर तक नहीं है।

झुग्गी-झोपडि़यों के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं।