युवराज और अश्विन में थी टक्कर

आइपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब ने सोमवार को भारतीय ऑफ स्पिन गेंदबाज़ आर. अश्विन की इस टीम की कमान सौंपी। ये पहला मौका होगा जब अश्विन आइपीएल की किसी टीम की कप्तानी करेंगे। पंजाब की टीम ने जब अश्विन को इस टीम का कप्तान बनाया तो सभी चौंक गए, क्योंकि इस बार पंजाब ने नीलामी के दौरान युवराज सिंह को भी खरीदा है। सभी को उम्मीद थी कि प्रीति जिंटा की टीम युवराज सिंह को ही एक बार फिर से अपनी टीम की कमान सौंपेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किंग्स इलेवन पंजाब के मेंटर वीरंद्र सहवाग ने अब इस बात का खुलासा कर दिया है कि आखिर कयों अश्विन को युवराज पर तरजीह दी गई।      

इस वजह से अश्विन को बनाया गया कप्तान

सहवाग ने बताया कि जब कप्तान के नाम को लेकर चर्चा हुई तो युवराज सिंह का नाम भी सामने आया था, लेकिन हमारे सपोर्ट स्टाफ के ज़्यादातर लोग चाहते थे कि अश्विन पंजाब की टीम की कप्तानी करें। इसके साथ ही सहवाग ने कहा कि, 'मैं हमेशा से चाहता था कि इस टीम की कमान किसी गेंदबाज़ के हाथों में सौंपी जाए, क्योंकि मैं वसीम अकरम, वकार यूनिस और कपिल देव का बड़ा प्रशंसक रहा हूं।इसके साथ ही सहवाग ने कहा कि, 'एक गेंदबाज के कप्तान होने के नाते, मैं गेंदबाजों और फील्ड परिवर्तनों को समझने में सक्षम हो जाऊंगा। अश्विन बहुत ही चतुर गेंदबाज़ हैं और वो काफी दिमाग लगाकर गेंदबाज़ी करते हैं और बहुत सारे नंबर और आँकड़े हैं, जो टी -20 में बदले जा सकते हैं'।  

ऐसा रहा है अश्विन का आइपीएल प्रदर्शन

अश्विन का आइपीएल में कमाल का प्रदर्शन रहा है। उन्होंने वर्ष 2009 से लेकर 2017 तक कुल 111 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 6.55 की इकानॉमी रेट और 25.00 की औसत से गेंदबाजी की है। अश्विन के नाम पर आइपीेएल में कुल 100 विकेट हैं। आइपीएल में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 34 रन देकर 4 विकेट है। उन्होंने ये प्रदर्शन वर्ष 2016 में पुणे के लिए खेलते हुए किया था।

चेन्नई के बाद पुणे से खेले अश्विन

अश्विन वर्ष 2009 से लेकर 2015 तक चेन्नई के लिए धौनी की कप्तानी में खेले। इसके बाद वो दो वर्ष यानी 2016 और 2017 में पुणे की तरफ से धौनी की कप्तानी में एक बार फिर से खेले थे। हालांकि 2017 में वो टीम का हिस्सा थे लेकिन चोट की वजह से आइपीएल से बाहर हो गए थे। ये पहला मौका है जब उन्हें आइपीएल में किसी टीम का कप्तान बनाया गया है। आर. अश्विन अपने डेब्यू आइपीेल यानी वर्ष 2009 में सिर्फ दो मैच खेले थे और उन्हें महज 2 विकेट मिले थे। आइपीएल में उन्होंने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन वर्ष 2014 में किया था। इस वर्ष उन्होंने 16 मैचों में कुल 16 विकेट चटकाए थे।

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