मुंबई (ब्यूरो)। शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर ने फिल्म 'बियांड द क्लाउड्स' से अभिनय जगत में कदम रखा था। उसमें उन्होंने गुस्सैल, लेकिन नरम दिल शख्स का किरदार निभाया था। उनकी दूसरी फिल्म 'धड़क' है। इसमें उनका किरदार थोड़ा शरारती है। असल जिंदगी में भी ईशान काफी शरारती रहे हैं। अभिनय उनके रग-रग में रचा बसा है। 

 

मुंबई (ब्यूरो)। शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर ने फिल्म 'बियांड द क्लाउड्स' से अभिनय जगत में कदम रखा था। उसमें उन्होंने गुस्सैल, लेकिन नरम दिल शख्स का किरदार निभाया था। उनकी दूसरी फिल्म 'धड़क' है। इसमें उनका किरदार थोड़ा शरारती है। असल जिंदगी में भी ईशान काफी शरारती रहे हैं। अभिनय उनके रग-रग में रचा बसा है। 

वाह! लाइफ हो तो ऐसी में शाहिद के साथ कर चुके हैं काम  

फिल्म 'वाह लाइफ हो तो ऐसी' में उन्होंने बतौर बाल कलाकार काम भी किया था। उस फिल्म में शाहिद कपूर लीड रोल में थे। उस फिल्म में काम करने का वाकया काफी दिलचस्प है।ईशान बताते हैं, 'बचपन में मैं अपने भाई के सेट पर खूब जाया करता था। 'वाह लाइफ तो ऐसी' में मेरा रोल तय नहीं था। उस फिल्म को लेकर मेरा कोई कांट्रैक्ट नहीं था। मेरे भाई शाहिद उसमें अभिनय कर रहे थे। मैं उनके साथ सेट पर गया था। सेट पर मैंने देखा कि आठ बच्चे हैं। मैं हमेशा से परफार्मेंस का शौकीन था। 

डांसिंग और एक्टिंग का कोई मौका नहीं छोड़ता था 

डांसिंग और एक्टिंग का कोई मौका नहीं छोड़ता था। मैंने भी कहा कि मुझे एक्टिंग करनी है। उन्होंने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया। मुझे भी उस झुंड में बैठा दिया। उन्हें लगा होगा कि उससे मैं खुश हो जाऊंगा। वहां से राजी-खुशी चला जाऊंगा। मगर निर्देशक ने पाया कि मैं कैमरे को लेकर कांशियस नहीं हूं। मैं उसके सामने बहुत सहज हूं। उन्होंने बिना कारण मुझे फिल्म में ले लिया। वह कोई गंभीरतापूर्वक लिया गया फैसला नहीं था। मैं आज भी उसे एक्टिंग वर्कशाप मानता हूं। मैं कभी बाल कलाकार नहीं बनना चाहता था। मैं उस समय पढ़ाई कर रहा था। वह बस मासूमियत में किया गया काम था।' 

ईशान बाल कलाकार के तौर पर शाहिद के साथ इस फिल्म में आ चुके हैं नजर

बचपन में थे बहुत शरारती 

बचपन में ईशान काफी शरारती रहे हैं। वह बताते हैं, 'मैं बहुत नौटंकी किया करता था। मुस्कान हमेशा मेरे चेहरे पर कायम रहती थी। उम्र बढऩे के साथ फिल्मों में मेरी दिलचस्पी बढ़ती गई। मैं कई बार अपने परिवार के सामने डांस किया करता था। जब फिल्म 'कहो न प्यार है' रिलीज हुई थी तो उसका गाना एक पल का जीना.. पर खूब डांस करता था। मॉम और भाई को दिखाता था। बचपन में कई बार परिजनों को तंग भी किया है। मुझे याद है कि अगर स्टेज पर एक्टिंग का चांस नहीं मिलता था तो घर में अपनी भड़ास निकालता था। 

मां और नानी को करते थे बहुत तंग 

मैंने कई बार अपनी मॉम, खासतौर पर अपनी नानी को बेवकूफ बनाया है। एक बार मैंने नानी को बताया कि मेरा पेट खराब हो गया है। उन्हें लगा कि मैं बीमार हूं। वह मेरे लिए पानी लेने गई। तब हमारे किचन में छोटी सी खिडक़ी होती थी। उसमें मैंने एक ग्लास दूध छिपा दिया था। मैंने थोड़ा सा दूध पी लिया। फिर उल्टी होने की एक्टिंग की। नानी बहुत घबरा गई। उन्होंने मेरे भाई को फोन कर दिया। उस समय वह सेट पर शूटिंग कर रहे थे। फिर मैंने उन्हें हंसकर सच बताया। उसके बाद उन्होंने मुझे बहुत पीटा था।

डायलॉग कभी नहीं भूलते  

खैर स्कूल में कार्यक्रमों  बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता था। डायलॉग कभी नहीं भूलता था। खुद के डायलॉग ज्यादा बनाए हैं। मुझे याद है एक बार नाटक के क्लास में था। उसमें एक एक्सरसाइज मिली थी। कल्पना करनी थी कि आप एक कंमरे में बंद हैं। कमरे में अंधेरा है। अंधेरे में अचानक आपको कुछ दिखता है। आप उसे देखकर घबरा जाते हैं। उसे परफार्म करने पर टीचर ने मुझे काफी अच्छे अंक दिए थे।

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