RANCHI : धनबाद स्थित आईआईटी -आईएसएम का ऑफ कैंपस रांची में भी जल्द खुलेगा। इसके लिए आईएसएम ने झारखंड गवर्नमेंट के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर जमीन मांगी है। हायर एजुकेशन ने आईएसएम को सीपैट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए एचईसी में जमीन देने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है। गौरतलब है कि 50 एकड़ जमीन में आईएसएम का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डेवलप किया जाएगा।

एचईसी से मांगी है जमीन

उच्च तकनीकी एवं कौशल विकास विभाग ने एचईसी से रांची में एजुकेशन हब बनाने के लिए 300 एकड़ जमीन सीठियो में मांगी है। 5 जून को हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट भी बैठक में तत्कालीन सचिव अजय कुमार सिंह ने एचईसी क्षेत्र में एजुकेशन हब बनाने के लिए खूंटी की बजाय एचईसी में एजुकेशन हब बनाने का प्रस्ताव रखा था। बैठक में एचईसी के प्रबंध निदेशक भी उपस्थित थे। उसके बाद सैद्धांतिक सहमति के लिए मुख्यमंत्री के पास प्रस्ताव भेजा गया था जिसकी स्वीकृति के बाद एचईसी को सीठियो में जमीन उपलब्ध कराने के लिए विभाग की ओर से पत्र लिखा गया है।

एक ही कैंपस में होंगी सुविधाएं

एचईसी की ओर से 300 एकड़ जमीन मिलते ही उक्त जमीन पर एक ही कैंपस में इंजीनियरिंग, मेडिकल और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार करने का प्लान है। सिंगापुर के सहयोग से बनाए जाने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए 50 एकड़ जमीन, इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए 100 एकड़ जमीन और राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त प्राईवेट यूनिवर्सिटी के लिए 150 एकड़ जमीन देने की योजना है। यहां एक ही कैंपस में सरकारी व निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सहित अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी चल रही है।

हजारों स्टूडेंट्स का रुकेगा पलायन

हायर एजुकेशन के लिए झारखंड से हर साल करीब 25-30 हजार स्टूडेंट का पलायन होता है। अगर रांची में एजुकेशन हब बनाने में सरकार कामयाब हो जाती है तो स्टूडेंट का पलायन तो रूकेगा ही साथ ही एजुकेशन पर खर्च होने वाले करोड़ों रूपये जो दूसरे राज्यों में चले जाते हैं, उसका भी संरक्षण हो सकेगा।