गोल चौराहे से लेकर मॉल रोड तक बनने वाला डिवाइडर सबस्टैंडर्ड क्वालिटी का है। ठेकेदार ने घटिया मैटीरियल खपाया है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब ट्यूजडे को डीएम ने डिवाइडर बनाने के नाम पर होने वाले इस खेल का खुलासा किया। हालांकि, ये बात और है कि डीएम साहब ने डिवाइडर की सुध तब ली जब वो पूरी तरह बनकर तैयार हो गया। बता दें कि इस दौरान पब्लिक की ओर से घटिया निर्माण की कम्पलेंट्स आ रही थीं, जिन्हें ऑफिसर्स ने नजरअंदाज किया। अब जबकि डिवाइडर को फिर तोडक़र बनाए जाने के संकेत हैं, पब्लिक को फिर से जाम और धूल आदि की प्रॉब्लम झेलनी पड़ेगी जैसा अभी तक उन्हें करना पड़ रहा था. 
घटिया क्वालिटी का 
ब्यूटीफिकेशन के नाम पर गोल चौराहे से लेकर फूलबाग तक डिवाइडर को तोडक़र नये सिरे से बनाया जा रहा है। निर्माण का जिम्मा पीडब्लूडी का ठेकेदार करवा रहा है। डिवाइडर का कंस्ट्रक्शन इतनी जल्दबाजी में करवाया गया कि मानकों का ख्याल ही नहीं रखा गया। या आप कह सकते हैं कि ठेकेदार ने जानबूझकर मानकों की अनदेखी की। एक-सात का मसाला लगाकर आनन-फानन में काम पूरा करवाया गया. 
ईंट, सीमेंट, चुनाई की चेकिंग
ट्यूजडे को डीएम समीर वर्मा ने डिवाइडर का इंस्पेक्शन किया। उन्होंने डिवाइडर बनाने में इस्तेमाल की गई ईंटों, सीमेंट और चुनाई की क्वालिटी चेक की। परेड पर जबर्दस्त खामियां मिलीं। इस पर डीएम ने परेड पर बने डिवाइडर को तुड़वाकर दोबारा गुणवत्तापूर्ण डिवाइडर बनवाने को कहा। इसके अलावा ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये. 

गोल चौराहे से लेकर मॉल रोड तक बनने वाला डिवाइडर सबस्टैंडर्ड क्वालिटी का है। ठेकेदार ने घटिया मैटीरियल खपाया है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब ट्यूजडे को डीएम ने डिवाइडर बनाने के नाम पर होने वाले इस खेल का खुलासा किया। हालांकि, ये बात और है कि डीएम साहब ने डिवाइडर की सुध तब ली जब वो पूरी तरह बनकर तैयार हो गया। बता दें कि इस दौरान पब्लिक की ओर से घटिया निर्माण की कम्पलेंट्स आ रही थीं, जिन्हें ऑफिसर्स ने नजरअंदाज किया। अब जबकि डिवाइडर को फिर तोडक़र बनाए जाने के संकेत हैं, पब्लिक को फिर से जाम और धूल आदि की प्रॉब्लम झेलनी पड़ेगी जैसा अभी तक उन्हें करना पड़ रहा था. 

घटिया क्वालिटी का 
ब्यूटीफिकेशन के नाम पर गोल चौराहे से लेकर फूलबाग तक डिवाइडर को तोडक़र नये सिरे से बनाया जा रहा है। निर्माण का जिम्मा पीडब्लूडी का ठेकेदार करवा रहा है। डिवाइडर का कंस्ट्रक्शन इतनी जल्दबाजी में करवाया गया कि मानकों का ख्याल ही नहीं रखा गया। या आप कह सकते हैं कि ठेकेदार ने जानबूझकर मानकों की अनदेखी की। एक-सात का मसाला लगाकर आनन-फानन में काम पूरा करवाया गया. 
ईंट, सीमेंट, चुनाई की चेकिंग
ट्यूजडे को डीएम समीर वर्मा ने डिवाइडर का इंस्पेक्शन किया। उन्होंने डिवाइडर बनाने में इस्तेमाल की गई ईंटों, सीमेंट और चुनाई की क्वालिटी चेक की। परेड पर जबर्दस्त खामियां मिलीं। इस पर डीएम ने परेड पर बने डिवाइडर को तुड़वाकर दोबारा गुणवत्तापूर्ण डिवाइडर बनवाने को कहा। इसके अलावा ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये.