अगर आप भी शहर के उन चंद खुशनसीबों में से एक हैं, जिनके घर के बाहर की रोड चकाचक है तो शुक्र मनाइए कि उसे जलनिगम की नजर न लगे। जल निगम शहर की उन रोड्स को खोदने की तैयारी में है, जहां अभी सीवेज और वॉटर पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी हैं। इस बाबत जल निगम के ऑफिसर्स ने एडीएम सिटी से रोड कटिंग की दरख्वास्त की है। हालांकि, खुदाई चालू होते ही न सिर्फ वो एरिया आने वाले कई महीनों तक धूल-मिïट्टी के गुबार की चादर से ढका रहेगा। बल्कि, वहां रहने वाले लोगों को मजबूरी में एयर पॉल्युशन, ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जेएनएनआरयूएम प्रोजेक्ट के तहत शहर में सात सालों से भी ज्यादा समय से सीवेज पाइप लाइन बिछाए जाने का काम चल रहा है। इसके बावजूद काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। इस चक्कर में शहर के कई एरियाज में अब तक खुदाई नहीं हुई है। इसी कड़ी में 11 अक्टूबर को जलनिगम ऑफिसर एसके सिंह ने एडीएम सिटी अविनाश सिंह से बची हुई रोड्स को खोदने की परमीशन मांगी है। पाइप लाइन बिछाने के लिए जलनिगम ऑफिसर्स ने 20 दिनों की टाइम लिमिट मांगी है।  

यहां से शुरुआत 

जिन चकाचक सडक़ों पर जलनिगम अफसरों की ‘नजर’ लग गई है। उसकी शुरूआत लेनिन पार्क से की जानी है। लेनिन पार्क के बाद जरीब चौकी, संगीत टॉकीज, अफीम कोठी रोड का नंबर लगेगा। इसके बाद दूसरी चकाचक सडक़ों को निशाना बनाये जाने की तैयारी की जाएगी। शुक्र इस बात का है कि जलनिगम के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए जिला प्रशासन ने खुदाई के लिए परमीशन की अनिवार्यता कर दी है। लिहाजा, खुदाई तभी शुरू होगी, जब प्रशासन की ओर से परमीशन दे दी जाएगी.
‘बनवाने का काम हमारा नहीं’  
भले ही रोड कटिंग का काम 20 दिनों में पूरा करने के लिए परमीशन मांगी गई है, लेकिन इनके मेंटीनेंस की जिम्मेदारी जलनिगम लेने को तैयार नहीं है। एडीएम सिटी ऑफिस पहुंचे जलनिगम कर्मचारी के अनुसार उनका काम रोड कटिंग करके पाइप लाइन बिछाने का है। ट्रांसपोर्टेशन के लिए रोड को मोटरेबल कर दिया जाता है। मगर, उसे बनाने का जिम्मा उनका नहीं होता। इसके लिए नगर निगम या पीडब्लूडी की रोड के हिसाब से ठेकेदार को टेंडर दिये जाते हैं। उन्हीं को रोड मेंटीनेंस का जिम्मा दिया जाता है. 
ये रोड तो रिकॉर्ड बनाएगी 
सिटी के बीचों-बीच बनी कालपी रोड का नाम तो शायद किसी रिकॉर्ड में दर्ज होगा। पाइप लाइन बिछाने के लिए इसे तीन साल पहले खोदा गया था। मगर, अब तक यह रोड बनकर तैयार नहीं हो सकी है। जरीब चौकी से लेकर फजलगंज तक रोड जर्जर है। डीएम समीर वर्मा ने 15 सितंबर के बाद शहर की सभी जर्जर रोड्स के मेंटीनेंस के आदेश दिये थे। आदेशों को एक महीना पूरा होने को है, लेकिन अब तक पीडब्लूडी के ठेकेदार की ओर से इस रोड का मेंटीनेंस नहीं करवाया गया है। मोटरेबल किये जाने के नाम पर रोड पर सिर्फ गिïट्टी, बालू और मिïट्टी डाल दी गई है। वाहनों के गुजरने से धूल-मिïट्टी का गुबार यहां रहने वालों के लिए दिक्कतों की वजह बना हुआ है. 
एक के बाद एक 
मुद्दा अगर जलनिगम के लिए रोड कटिंग का हो, तब भी ठीक है, लेकिन रोड कटिंग के बाद दूसरे डिपार्टमेंट्स भी एक्टिव हो जाते हैं। सीयूजीएल, टेलीकॉम, जल संस्थान भी अंडर-ग्राउंड मेंटीनेंस वर्क के लिए खुदाई का काम चालू कर देते हैं। ऐसे में रोड मेंटीनेंस का काम एक्सटेंड होता जाता है। और मुश्किलें पब्लिक को झेलनी पड़ती हैं. 
बढ़ रहे एक्सीडेंट्स :  
जर्जर सडक़ों की वजह से शहर में रोड एक्सीडेंट्स थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग रोड मेंटीनेंस को लेकर ज्यादा कन्सर्न नहीं हैं. 
मंथ     डेथ 
जनवरी   125 
दिसंबर   105
नवंबर     82
अक्टूबर  38
सितंबर   35
अगस्त   35
(नोट : जनवरी-2013 के अलावा ईयर-2012 का डाटा.)
झगड़े में फंसीं ये रोड्स 
जलनिगम के कर्मचारी के बयान की हकीकत शहर की उन रोड्स की कंडीशन को बयां करती हैं, जिन्हें सीवेज पाइप लाइन बिछाने के चक्कर में खोदा जलनिगम ने, लेकिन इन्हें बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम और पीडब्लूडी दोनों में से कोई विभाग नहीं लेना चाहता। कुछ ऐसी ही रोड्स की डिटेल एक नजर में- 
- मॉलरोड मेघदूत तिराहा से हैलट, गोविंदपुरी ब्रिज होते हुए बर्रा बाईपास 
- सरसैया घाट से बड़ा चौराहा, मेस्टन रोड होते हुए बासमंडी 
- किदवई नगर साइट नंबर-1 चौराहा से बारादेवी चौराहा होते हुए नन्दलाल चौराहा 
- रतनलाल नगर से शास्त्री चौक, केन्द्रांचल कॉलोनी होते हुए आरबीआई कॉलोनी 
- गोविन्द नगर चावला मार्केट से परमपुरवा होते हुए हमीरपुर रोड 
- दादानगर चौराहा से नहर होते हुए बाईपास तक 
- चिडिय़ाघर चौराहा से कम्पनी बाग वाया बीमा इंटरसेक्शन 
- जीटी रोड गुरूदेव पैलेस चौराहा से गंगा बैराज वाया चिडिय़ाघर 
- गुमटी नंबर-9 से नमक फैक्ट्री चौराहा, विजय नगर चौराहा होते हुए कालपी रोड 
- हमीरपुर रोड दासू कुआं से सीडीओ नाला पेट्रोल 
- मैनावती मार्ग बिठूर रोड 

अगर आप भी शहर के उन चंद खुशनसीबों में से एक हैं, जिनके घर के बाहर की रोड चकाचक है तो शुक्र मनाइए कि उसे जलनिगम की नजर न लगे। जल निगम शहर की उन रोड्स को खोदने की तैयारी में है, जहां अभी सीवेज और वॉटर पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी हैं। इस बाबत जल निगम के ऑफिसर्स ने एडीएम सिटी से रोड कटिंग की दरख्वास्त की है। हालांकि, खुदाई चालू होते ही न सिर्फ वो एरिया आने वाले कई महीनों तक धूल-मिïट्टी के गुबार की चादर से ढका रहेगा। बल्कि, वहां रहने वाले लोगों को मजबूरी में एयर पॉल्युशन, ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. 

खोखला करने की तैयारी 

जेएनएनआरयूएम प्रोजेक्ट के तहत शहर में सात सालों से भी ज्यादा समय से सीवेज पाइप लाइन बिछाए जाने का काम चल रहा है। इसके बावजूद काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। इस चक्कर में शहर के कई एरियाज में अब तक खुदाई नहीं हुई है। इसी कड़ी में 11 अक्टूबर को जलनिगम ऑफिसर एसके सिंह ने एडीएम सिटी अविनाश सिंह से बची हुई रोड्स को खोदने की परमीशन मांगी है। पाइप लाइन बिछाने के लिए जलनिगम ऑफिसर्स ने 20 दिनों की टाइम लिमिट मांगी है।  

यहां से शुरुआत 

जिन चकाचक सडक़ों पर जलनिगम अफसरों की ‘नजर’ लग गई है। उसकी शुरूआत लेनिन पार्क से की जानी है। लेनिन पार्क के बाद जरीब चौकी, संगीत टॉकीज, अफीम कोठी रोड का नंबर लगेगा। इसके बाद दूसरी चकाचक सडक़ों को निशाना बनाये जाने की तैयारी की जाएगी। शुक्र इस बात का है कि जलनिगम के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए जिला प्रशासन ने खुदाई के लिए परमीशन की अनिवार्यता कर दी है। लिहाजा, खुदाई तभी शुरू होगी, जब प्रशासन की ओर से परमीशन दे दी जाएगी।

‘बनवाने का काम हमारा नहीं’  

भले ही रोड कटिंग का काम 20 दिनों में पूरा करने के लिए परमीशन मांगी गई है, लेकिन इनके मेंटीनेंस की जिम्मेदारी जलनिगम लेने को तैयार नहीं है। एडीएम सिटी ऑफिस पहुंचे जलनिगम कर्मचारी के अनुसार उनका काम रोड कटिंग करके पाइप लाइन बिछाने का है। ट्रांसपोर्टेशन के लिए रोड को मोटरेबल कर दिया जाता है। मगर, उसे बनाने का जिम्मा उनका नहीं होता। इसके लिए नगर निगम या पीडब्लूडी की रोड के हिसाब से ठेकेदार को टेंडर दिये जाते हैं। उन्हीं को रोड मेंटीनेंस का जिम्मा दिया जाता है. 

ये रोड तो रिकॉर्ड बनाएगी 

सिटी के बीचों-बीच बनी कालपी रोड का नाम तो शायद किसी रिकॉर्ड में दर्ज होगा। पाइप लाइन बिछाने के लिए इसे तीन साल पहले खोदा गया था। मगर, अब तक यह रोड बनकर तैयार नहीं हो सकी है। जरीब चौकी से लेकर फजलगंज तक रोड जर्जर है। डीएम समीर वर्मा ने 15 सितंबर के बाद शहर की सभी जर्जर रोड्स के मेंटीनेंस के आदेश दिये थे। आदेशों को एक महीना पूरा होने को है, लेकिन अब तक पीडब्लूडी के ठेकेदार की ओर से इस रोड का मेंटीनेंस नहीं करवाया गया है। मोटरेबल किये जाने के नाम पर रोड पर सिर्फ गिïट्टी, बालू और मिïट्टी डाल दी गई है। वाहनों के गुजरने से धूल-मिïट्टी का गुबार यहां रहने वालों के लिए दिक्कतों की वजह बना हुआ है. 

एक के बाद एक 

मुद्दा अगर जलनिगम के लिए रोड कटिंग का हो, तब भी ठीक है, लेकिन रोड कटिंग के बाद दूसरे डिपार्टमेंट्स भी एक्टिव हो जाते हैं। सीयूजीएल, टेलीकॉम, जल संस्थान भी अंडर-ग्राउंड मेंटीनेंस वर्क के लिए खुदाई का काम चालू कर देते हैं। ऐसे में रोड मेंटीनेंस का काम एक्सटेंड होता जाता है। और मुश्किलें पब्लिक को झेलनी पड़ती हैं. 

बढ़ रहे एक्सीडेंट्स :  

जर्जर सडक़ों की वजह से शहर में रोड एक्सीडेंट्स थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग रोड मेंटीनेंस को लेकर ज्यादा कन्सर्न नहीं हैं. 

मंथ     डेथ 

जनवरी   125 

दिसंबर   105

नवंबर     82

अक्टूबर  38

सितंबर   35

अगस्त   35

(नोट : जनवरी-2013 के अलावा ईयर-2012 का डाटा.)

झगड़े में फंसीं ये रोड्स 

जलनिगम के कर्मचारी के बयान की हकीकत शहर की उन रोड्स की कंडीशन को बयां करती हैं, जिन्हें सीवेज पाइप लाइन बिछाने के चक्कर में खोदा जलनिगम ने, लेकिन इन्हें बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम और पीडब्लूडी दोनों में से कोई विभाग नहीं लेना चाहता। कुछ ऐसी ही रोड्स की डिटेल एक नजर में- 

- मॉलरोड मेघदूत तिराहा से हैलट, गोविंदपुरी ब्रिज होते हुए बर्रा बाईपास 

- सरसैया घाट से बड़ा चौराहा, मेस्टन रोड होते हुए बासमंडी 

- किदवई नगर साइट नंबर-1 चौराहा से बारादेवी चौराहा होते हुए नन्दलाल चौराहा 

- रतनलाल नगर से शास्त्री चौक, केन्द्रांचल कॉलोनी होते हुए आरबीआई कॉलोनी 

- गोविन्द नगर चावला मार्केट से परमपुरवा होते हुए हमीरपुर रोड 

- दादानगर चौराहा से नहर होते हुए बाईपास तक 

- चिडिय़ाघर चौराहा से कम्पनी बाग वाया बीमा इंटरसेक्शन 

- जीटी रोड गुरूदेव पैलेस चौराहा से गंगा बैराज वाया चिडिय़ाघर 

- गुमटी नंबर-9 से नमक फैक्ट्री चौराहा, विजय नगर चौराहा होते हुए कालपी रोड 

- हमीरपुर रोड दासू कुआं से सीडीओ नाला पेट्रोल 

- मैनावती मार्ग बिठूर रोड