Agency: आधार से जुड़े राइट टू प्राइवेसी मामले की नौ जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान यूआईडीएआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्राइवेसी एक कीमती अधिकार है। इसे आधार एक्ट में भी सरंक्षण दिया गया है। आधार के जरिए नागरिक को ट्रेक नहीं किया जा सकता। यहां तक कि अगर कोर्ट अनुमति दे तो भी सरकार इसे सर्विलांस के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकती। एएसजी तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट का काम कानून बनाना नहीं बल्कि कानून की व्याख्या करना है। चाहे कोर्ट राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकार बताए या नहीं लेकिन आनलाइन के दौर में कुछ भी प्राइवेट नहीं रहा है।

 

एक्सपर्ट कमेटी गठित

अदालत में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि डाटा प्रोटेक्शन पर कानून ड्राफ्ट करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर दिया गया है। सरकार ने बताया कि डाटा प्रोटोक्शन पर विचार करने वाली 10 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएन श्रीकृष्णा हैं।

गौरतलब है कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ कर रही है, जिसे तय करना है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार के दायरे में आता है या नहीं।

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