आज जन्माष्टमी के पर्व पर नीचे दिये गये मंत्रों को जपने से हर कामना पूरी होती है। आज के दिन जपे हर मंत्र को भगवान श्रीकृष्ण स्वीकार करते हैं। इन शुभ मंत्रों को श्रीकृष्णाजन्माष्टमी पर विधिवत जपने से हर तरह के सुख, सौभाग्य, समृद्धि, संपत्ति, सफलता और संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

1. 'कृं कृष्णाय नमः'

यह श्रीकृष्ण का मूलमंत्र है। इस मूलमंत्र का जाप अपना सुख चाहने वाले प्रत्येक मनुष्य को प्रातःकाल नित्यक्रिया व स्नानादि के पश्चात एक सौ आठ बार करना चाहिए। ऐसा करने वाले मनुष्य सभी बाधाओं एवं कष्टों से सदैव मुक्त रहते हैं।

2. ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा'

यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। इस मंत्र का पांच लाख जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। इस मंत्र के जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे सबकुछ प्राप्त हो जाता है।

3. 'गोवल्लभाय स्वाहा'

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इस श्रीकृष्ण मंत्र का जाप जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

4. 'गोकुल नाथाय नमः'

इस श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं।

5. 'क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः'

इसका जो भी साधक जाप करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

6.'ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय'

इस मंत्र का जो भी साधक जाप करता है, उसे सबकुछ प्राप्त हो जाता है।

7. 'ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।'

जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसे वागीशत्व की प्राप्ति होती है।

8. 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री'

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जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसकी सभी बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं।

9. 'ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा'

जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभिष्ट वस्तुएं प्राप्त होती हैं।

10.'लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा।'

इस श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक एक लाख जप और घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर होम करते हैं, उन्हें स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

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