कानपुर। जन्माष्टमी की शाम को तुलसी के पास घी का दीया जलाएं। तुलसी को चुनरी ओढ़ाकर पूजा करें। फिर ऊं वासुदेवाय नम: मंत्र के साथ दो माला का जाप करें। हो सके तो 11 बार तुलसी की परिक्रमा कर लें।

भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबरधारी भी कहते हैं, जिसका अर्थ है पीले रंग के कपड़े पहनने वाला। इस दिन पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज दान करने करें। ऐसा करने से श्रीकृष्ण आपके आह्वान पर घर में आकर विराजेंगे और भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की कृपा भी आप पर बनी रहेगी।

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श्रीकृष्ण का पूजन करते समय कुछ सिक्के भी पूजन में रखें। भगवान की पूजा के समय इन सिक्कों की भी पूजा करें। पूजा पूरी होने के बाद इन सिक्कों को पर्स में रख लें।

11 पीली कौडियां करें अर्पित

जन्माष्टमी की रात 12 बजे लक्ष्मी और विष्णु का पूजन करते समय 11 पीली कौडिय़ां रखें और पूजा के बाद इन कौडिय़ों को तिजोरी में रखें।

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं। इसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें। इससे भगवान श्रीकृष्ण जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

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मंत्र का 11 बार जप

भगवान श्रीकृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से करें। इससे जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती।

किसी कृष्ण मंदिर में जाकर तुलसी की माला से इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र- क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि:परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीला वस्त्र व तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इससे भगवान बेहद प्रसन्न होते हैं।

- ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

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