RANCHI : झारखंड फिल्म इंडस्ट्री में ह्यूमन ट्रैफिकर्स, नक्सलाइट्स और कई बड़े भू-माफिया पैसा निवेश कर रहे हैं। दिल्ली से अरेस्ट ह्यूमन ट्रैफि कर्स गैंग की सरगना प्रभा मुनि ने पूछताछ के दौरान सीआईडी के सामने यह खुलासा किया है। ऐसे में झालीवुड डायरेक्टर्स के अंडरव‌र्ल्ड कनेक्शन की तफ्तीश जांच एजेंसीज ने तेज कर दी है, ताकि ऐसे लोगों की काली कमाई के साथ उनके नक्सली-अपराधी-भू माफियाओं के सांठगांठ का पर्दाफाश किया जा सके।

बाजार में बकाया पर कर रहे निवेश

झालीवुड में कई ऐसे निर्माता- निर्देशक हैं, जिनका बाज़ार का लाखों रुपया बकाया है। इसके बाद भी वे करोड़ो रुपए का निवेश कर सिनेमा बना रहे हैं। अब जांच एजेंसियां इन निर्देशको की कमाई का स्त्रोत, इनके इनकम टैक्स रीटर्न , माली हालत, पारिवारिक बैकग्राउंड, जेल में बंद और जेल से बाहर रह रहे अपराधियों के साथ संबंध समेत कई बिंदुओं पर नजर बनाए हुए है। इन निर्देशको की आड़ में काले धंधे से जुड़े लोग फि ल्मो में निवेश कर रहे हैं।

कहां से आ रहा करोड़ों रुपए

फिल्म के जानकार बताते हैं कि जिन फिल्मों के निर्माण में 50 लाख से लेकर 70 लाख रुपयों का खर्च आता है, उन्हीं फिल्मों का बजट बढ़ाकर 3 करोड़ से लेकर 5 करोड़ तक दिखाया जा रहा है। जांच एजेंसियों के सामने बड़ा सवाल यह है कि अ इन निर्देशकों के पास आखिरकार इतना रुपया आ कहां से रहा है। माना जा रहा है कि पर्दे के पीछे से माफियाओं की सरपरस्ती फिल्में बन रही हैं।

कांके रोड में कौन बना रहा स्टूडियो

जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि कांके रोड में सिद्धो कान्हू पार्क के समीप ह्यूमन ट्रैफि किंग की सरगना प्रभा मुनि मिंज के रुपयों से स्टूडियो तैयार किया जा रहा है। चर्चा तेज है कि इस स्टुडियो में करोड़ों रुपयों का निवेश किया जा रहा है। विदित हो कि मानव तस्करों की सरगना मानी जाने वाली प्रभामुनि की बेटी दीपशिखा भी फिल्मों से जुड़ी है और कई फिल्मों में काम कर रही है।

जेसीसीए ने किया दीपशिखा को बहिष्कृत

जेसीसीए के अधिकारियों ने ह्यूमन ट्रैफिकर प्रभा मुनि की पुत्री दीपशिखा को आर्टिस्ट एसोसशिएशन से बहिष्कृत करने की बात कही है। आरोप है कि दीपशिखा अपनी मां प्रभामुनि और पिता रोहित मुनि के अनैतिक कार्यो में उनकी मदद करती है। नागपुरी फिल्मों और एलबम में पांच करोड़ से ऊपर के निवेश किए जाने की बात सामने आयी है।