- अब तक की पूछताछ में नहीं हुई इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने की पुष्टि

- रिमांड के लिये एसआईटी कोर्ट में देगी प्रार्थनापत्र

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LUCKNOW : बुलंदशहर के स्याना में उपद्रव के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या करने को लेकर शक के दायरे में आए जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को रविवार शाम कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। फिलवक्त लंबी पूछताछ के बाद भी जीतू द्वारा इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने का कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। लिहाजा, अब तक उसे हिंसा का ही आरोपी माना गया है।

वायरल वीडियो में दिखा था
बीती तीन दिसंबर को स्याना के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद ¨चगरावठी पुलिस चौकी के पास हिंसा हो गई थी। इसमें इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव निवास युवक सुमित सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने 27 उपद्रवियों को नामजद करते हुए 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था। नामजद आरोपितों मे बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, जम्मू-कश्मीर में 22 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात महाव गांव निवासी जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी भी शामिल हैं। जीतू हिंसा के बाद वायरल वीडियो में असलहा लिये दिखाई पड़ा था। जिसके बाद पुलिस जीतू को स्याना कोतवाल की हत्या का आरोपी मान रही थी।

दिनभर चली पूछताछ
शनिवार रात करीब 12.55 बजे मेरठ पहुंचे सैन्य अधिकारियों ने जीतू को एसटीएफ की मेरठ यूनिट के हवाले कर दिया था। रविवार सुबह करीब साढ़े छह बजे बुलंदशहर पुलिस जीतू को लेकर स्याना कोतवाली पहुंच गई। वहां उससे पूछताछ की गई। इसके बाद सुबह करीब दस बजे उसे बुलंदशहर पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के आफिस लाया गया। वहां पांच घंटे एसआईटी की टीम ने पूछताछ की। जिला अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद शाम को पुलिस ने जीतू को रिमांड एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट तारकेश्वर प्रसाद के कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

जीतू के परिजनों को पुलिस पर नहीं भरोसा
इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के मामले में संदेह के घेरे में आए जीतू फौजी के परिजनों को पुलिस पर विश्वास नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस बेटे को इंस्पेक्टर की हत्या में झूठा फंसाने की कोशिश कर रही है। जीतू की मां रतन कौर व पिता राजपाल ने सेना के अधिकारियों से अपने बेटे को इंसाफ दिलाने की मांग की है। जीतू की मां का आरोप है कि पुलिस उनके बेटे को कोतवाल की हत्या में झूठा फंसाने में लगी है। दूसरी ओर क्राइम ब्रांच आफिस में पूछताछ के दौरान पुलिस का कड़ा पहरा रहा। यहां तक कि जीतू से मिलने आए उसके बड़े भाई धर्मेद्र मलिक को भी नहीं मिलने दिया।

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