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नंबर गेम

2015 में निकली थीं भर्तियां

359 नर्सिग के पद थे

101 समूह ग के पद भरने थे

1 हजार रुपए जनरल और ओबीसी से लिए

500 रुपए एससी-एसटी कैंडीडेट से

- नर्सिग और समूह ग के पदों पर भर्ती के नाम पर हर कैंडीडेट से जमा कराए थे 1-1 हजार रुपए

-अभ्यर्थियों के आवेदन से केजीएमयू को मिला था 40 लाख से अधिक अमाउंट

lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: केजीएमयू में वर्ष 2015 में नर्सिग के 359 एवं समूह ग के 101 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. हजारों लोगों ने इसके लिए आवेदन किया लेकिन विभिन्न कारणों से भर्तियां कैंसिल कर दी गई. तब कहा गया था कि नए सिरे से भर्तियां कराई जाएंगी लेकिन आज तक न तो भर्ती हुई और ना ही आवेदकों के पैसे वापस किए गए. आवेदन फीस के रूप में आया लाखों रुपया केजीएमयू प्रशासन हजम कर गया, जिससे आवेदकों में काफी रोष है.

बेरोजगारों को ठग लिया

स्टॉफ नर्स के लिए 359 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. जनरल और ओबीसी कैंडीडेट्स से 1000 रुपए और एससी एवं एसटी कैंडीडेट्स से 500 रुपए जमा कराए गए थे. इस एग्जाम के लिए करीब 8500 लोगों ने आवेदन किया और 7200 ने इसका एग्जाम भी दिया था. आवेदन शुल्क से करीब 40 लाख रुपए केजीएमयू प्रशासन को मिले थे.

जारी की थी नई नियमावली

केजीएमयू प्रशासन के पद निकालने से पहले ही यूपी सरकार ने नई नियमावली जारी की थी. फिर भी केजीएमयू प्रशासन ने भर्तियां निकाली और इन्हें रद करना पड़ा. इसके बाद भी केजीएमयू की तरफ से आज तक किसी भी कैंडीडेट से लिया गया पैसा वापस नहीं किया गया है. जबकि नियम है कि अगर संस्थान खुद भर्ती रद करता है तो उसे कैंडीडेट का पैसा वापस करना होता है. गौरतलब है कि इस मामले में कई लोगों का तो इंटरव्यू भी लिया गया था.

आदेश के बाद भी नहीं दिए पैसे

नर्सिग के अलावा 101 समूह ग के पदों पर भी भर्तियां निकाली गई थी. 17 सितंबर 2015 में जारी विज्ञापन के अनुसार स्टोर कीपर, एएनएम, हेल्थ एजुकेटर, रिक्रिएशन थेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, विभिन्न टेक्नीशियन, अवर अभियंता, लिपिक, हेल्थ विजिटर, इलेक्ट्रीशियन, फॉर्मासिस्ट, सीनियर साइंटिफिक टेक्निकल असिस्टेंट, लेखा लिपिक, डायटीशियन, आशुलिपिक के पदों को भरना था. नियमों का हवाला देकर इन भर्तियों को भी रद किया गया था. इनमें अप्लाई करने वालों को भी उनका पैसा वापस किया जाना था लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने इसे भी वापस नहीं किया.

कोट

मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. रजिस्ट्रार कार्यालय से जानकारी लेकर शीघ्र ही अवगत कराया जाएगा.

डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

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राजभवन में हुई थी शिकायत

केजीएमयू व अन्य संस्थानों में भर्ती के नाम पर फीस डकारने की शिकायत राजभवन में की गई थी. राजभवन ने सभी यूनिवर्सिटीज से इसका जवाब भी तलब किया था. शिकायत पर गवर्नर ने केजीएमयू, एसजीपीजीआई, एकेटीयू, एलयू सहित सभी 24 यूनिवर्सिटीज से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी लेकिन आज तक किसी कैंडीडेट का पैसा वापस नहीं किया गया.

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फैकल्टी के पैसे भी डकारे

नर्सिग व अन्य गैरशैक्षणिक पदों के अलावा केजीएमयू ने 21.06.2014, 11.02.2015, 20.03.2015, 26.03.2015, 17.04.2015, 02.05.2015 और 26.06.2015 को निकाले भर्ती विज्ञापन भी रद किए थे. प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरर व अन्य पदों पर कैंडीडेट्स से पांच-पांच हजार रुपए फीस ली गई थी. इसमें भी अप्लाई करने वालों का पैसा डूब गया. बाद में केजीएमयू ने दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू की और फिर सबसे पांच-पांच हजार वसूले. मांगने पर भी किसी कंडीडेट का पैस वापस नहीं किया.