प्रशासनिक न्यायमूर्ति के आश्वासन पर लिया गया निर्णय

अधिवक्ता हत्याकांड की निगरानी हाईकोर्ट के देखरेख में कराने का निर्णय

ALLAHABAD: डिस्ट्रिक्ट बार के अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव की हत्या के बाद 10 मई से लगातार चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गई। अधिवक्ताओं ने सोमवार से न्यायिक कार्य पर लौटने का निर्णय लिया। प्रशासनिक न्यायमूर्ति के आश्वासन पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की।

हाईकोर्ट में दाखिल होगी पीआईएल

अधिवक्ताओं ने हड़ताल तो समाप्त कर दिया, लेकिन राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड की जांच व निगरानी में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, अधिवक्ता परिवार के आश्रितों को पूरी सहायता मिले इसे लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करने का निर्णय लिया गया। इसके जरिये हत्याकांड की निगरानी हाईकोर्ट की देखरेख में कराने, अधिवक्ताओं की सुरक्षा और मृतक के परिवार का मुद्दा उठाया जाएगा।

सोमवार से शुरू होगा कार्य

अधिवक्ता संघ भवन में शनिवार सुबह 11 बजे आम सभा की बैठक हुई। अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, मंत्री कृष्ण चंद्र मिश्रा, मनोज कुमार सिंह व अमित निगम, लक्ष्मीकांत, नितिन, बृजेश, मनोज, जफर, अजय, आलोक, ईश्वरनाथ, अरुण, रवि, महेंद्र और अभिषेक श्रीवास्तव ने चर्चा की। इसके बाद तय किया गया कि प्रशासनिक न्यायमूर्ति बीके नारायना ने अधिवक्ताओं की सुरक्षा व मृतक के परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। इसलिए अब सोमवार से सभी वकील न्यायिक कार्य सुचारू रूप से करेंगे।

वादकारियों की परेशानी देख निर्णय

कचहरी में हड़ताल से वादकारियों को हो रही परेशानी और मुकदमे लंबित होने के कारण हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया। आम सभा में पूर्व अध्यक्ष कृष्ण बिहारी तिवारी, राजेंद्र श्रीवास्तव, गिरीश तिवारी, राकेश तिवारी, पूर्व मंत्री दिनेश तिवारी, अनिल तिवारी, कौशलेश सिंह, प्रमोद सिंह, वरुण सिंह, देवेंद्र मिश्र, दिलीप श्रीवास्तव, संतोष यादव, कुश पांडेय, संजय गुप्ता, विजय वैश्य, विकास गुप्ता आदि ने सहमति व्यक्त किया।