हिन्दुस्तानी एकेडेमी में अगस्त क्रांति महोत्सव के तहत कवि सम्मेलन

ALLAHABAD: हंस वाहिनी, संकल्प परिवार और मातृ श्री फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को अगस्त क्रांति महोत्सव के अन्तर्गत हिन्दुस्तानी एकेडेमी सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जस्टिस अशोक गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया। कवियित्री प्रीता बाजपेई ने 'मनवा शहर में अपना लागे रे, मोहे ले चल रे सांवरिया' पंक्तियां सुनाकर वाहवाही बटोरी। शायर जावेद शोहरत ने 'ये ना बरसेगा तो आवारा कहेगा दरिया, एक बादल जो ख्यालात में रहता होगा' पंक्तियां सुनाई।

चलता रहा वाह-वाह का दौर

वरिष्ठ कवि सुधांशु उपाध्याय की 'नई नस्ल कब समझेगी बुजुर्गो का सत्कार जरुरी, इतना सादा क्यों रहते हो थोड़ा सा श्रृंगार जरुरी' पंक्तियों पर खूब तालियां बजी। शैलेन्द्र मधुर, शाहिद सफर, अमित जौनपुरी, राकेश दिलबर आदि ने काव्य पंक्तियां पढ़ी। सम्मेलन में गिरजा शंकर मिश्रा, दिवाकर नाथ त्रिपाठी, मुकुल जायसवाल आदि मौजूद रहे।

सम्मानित हुए शायर

कवि सम्मेलन के दौरान प्रख्यात शायर शकील गाजीपुरी को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सद्भावना सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा क्रांति सम्मान राजू मरकरी और समाज रत्‍‌न सम्मान श्याम सुंदर सिंह पटेल को प्रदान किया गया।