- केजीएमयू आर्गन ट्रांसप्लांट विभाग के दो डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

LUCKNOW: केजीएमयू में आर्गन ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू करने के प्रयासों को झटका लगा है। डॉ। मनमीत सिंह और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ। संत कुमार पांडेय ने आर्गन ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू होने में हो रही देरी से क्षुब्ध होकर इस्तीफा दे दिया है। इससे केजीएमयू में आर्गन ट्रांसप्लांट विभाग में लिवर, किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने के प्रयासों को गहरा धक्का लगा है। साथ ही नेफ्रोलॉजी विभाग की डायलिसिस यूनिट पर भी संकट खड़ा हो गया है।

नहीं शुरू कर सके सेवा

केजीएमयू में कई वर्षों से किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए अलग विभाग बनाकर दो फैकल्टी भी भर्ती की गई। साथ ही किडनी ट्रांसप्लांट में डायलिसिस के लिए नेफ्रोलॉजी विभाग बनाकर फैकल्टी को भर्ती किया गया। छह सालों से जारी केजीएमयू की लापरवाही से आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं शुरू हो सकी।

ये सेवा हो गई बंद

केजीएमयू में एक बार किडनी ट्रांसप्लांट शुरू किया गया लेकिन एक मरीज की मौत के बाद उसे बंद कर दिया गया। कहा गया कि ऑपरेशन थियेटर और अलग से आईसीयू बनने के बाद इस सेवा को शुरू किया जाएगा। लेकिन न तो यहां ऑपरेशन थियेटर बना और ना ही आईसीयू। करोड़ो रुपए खर्च होने के बाद भी मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिली।

दो ने दिया इस्तीफा

आर्गन ट्रांसप्लांट का काम न होने से किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आए डॉ। मनमीत सिंह ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया वहीं नेफ्रोलॉजी में तैनात डॉ। संत कुमार पांडेय ने भी केजीएमयू को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।

डायलिसिस यूनिट पर खतरा

इन दोनों डॉक्टरों के त्यागपत्र देने से केजीएमयू की डयलिसिस यूनिट पर संकट आ गया है क्योंकि केजीएमयू में अब कोई नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं बचा है। गौरतलब है कि केजीएमयू में रोज बड़ी संख्या में मरीजों की डायलिसिस की जाती है।

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प्राइवेट अस्पताल में लगा बोर्ड

सूत्रों के अनुसार अब ये दोनों डॉक्टर फैजाबाद रोड के एक कारपोरेट हॉस्पिटल में सेवाएं देंगे। चार दिन पहले अस्पताल के शुभारंभ पर निकाले गए विज्ञापन में इनकी तस्वीर के साथ यह जानकारी दी गई थी। माना जा रहा है कि कुछ दिनों में इनका त्यागपत्र भी स्वीकार किया जा सकता है।

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कई छोड़ चुके संस्थान

पिछले एक वर्ष में यहां आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। मेडिसिन विभाग से डॉ। मनीष गुच लोहिया इंस्टीट्यूट चले गए हैं। जबकि डॉ। रुचिका टंडन ने पीजीआई ज्वाइन किया है। आर्थोपेडिक विभाग से डॉ। कमर, रेडियोडायग्नोसिस से डॉ। अंजुम सईद, सीवीटीएस से डॉ। अनूप जायसवाल और पैथोलॉजी से डॉ। नेहा निगम भी दूसरे संस्थान जा चुकी हैं।